नागपुर – नागपुर में एक बार फिर पुलिस निरीक्षक परेशानी में आ गए हैं. प्रथम क्षेणी न्याय दंडाधिकारी ने एक निजी शिकायत पर एफआईआर दर्ज करने के आदेश उनके खिलाफ दिए हैं. इस आदेश के बाद फिर एक बार नागपुर के पुलिस विभाग में खलबली मची हुई है.
अजनी पुलिस के थानेदार पुलिस निरीक्षक विनोद चौधरी के खिलाफ ही दरअसल अदालत ने ये मामला दर्ज करने के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही मंजीदाना कॉलोनी के रहनेवाले मो. अशफाक अली के खिलाफ भी मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए हैं. दरअसल ये आदेश अनंतनगर निवासी राजा जमशेद शरीफ की शिकायत के आधार पर दिए गए हैं. जानकारी के मुताबिक मो. अशफाक अली ने कंस्ट्रक्शन के लिए पैसों की जरूरत होने पर 2019 में अलग अलग तारीखों में दस लाख से ज्यादा रकम ली थी. उस समय स्टैंप पेपर पर अंगूठा और दो चेक सिग्नेचर किए हुए दिए गए थे.
मार्च 2020 में पैसों की मांग करने पर उन्होंन् अपनी शिकायत अपराधा शाखा के पास की थी. उस मामले में 11 मार्च 2020 को विनोद चौधरी अपराध शाखा परिमंडल 3 के तत्कालीन प्रमुख पुलिस निरीक्षक थे. उन्होंने अवैध तरीके से फिर्यादी को हिरासत में लेकर पुलिस थाने में मारपीट की. यही नहीं आरोप है कि इस दौरान चौधरी ने हाथ का सोने की ब्रेसलेट भी छीन लिया. जब फिर्यादी ने पुलिस विभाग के वरिष्ठों को पास शिकायत तो की लेकिन कार्रवाई किसी ने नहीं किया और न ही उनकी शिकायत को कोई भी गंभीरता से लेने के लिए ही राजी था.
लिहाजा फिर्यादी के पास अदालत की दहलीज पर जाने के सिवा कोई रास्ता नहीं बचा था.और उसने प्रथम क्षेणी न्याय दंडाधिकारी के पास अपनी शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद न्यायदंडाधिकारी वी.एम. देशमुख के सामने सुनवाई हुई. न्यायालय ने आरोपी पीआई चौधरी और अली के खिलाफ भादंवि. की धारा 324 और 384 के तहत एफआईआर दर्ज करने के आदेश दिए हैं. बता दें कि पिछले कुछ दिनों में तीन पुलिस निरीक्षकों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं.फिर्यादी शरीफ की ओर से केस एडवोकेट आशीष कटारिया ने लड़ा.