– कनिष्ठ,अनुभवहीन अधिकारियों पर काम का अतिरिक्त बोझ तो रिक्त पदों पर भर्ती प्रस्ताव ठंडे बस्ते में
नागपुर: शहर के संपत्तिधारकों से कर वसूली के लिए अधिकारियों पर इन दिनों अतिरिक्त दबाव हैं,शेष को छोड़ कुछ छुट्टी के दिनों में भी जिम्मेदारियों का वहन कर रहे ,क्यूंकि मूंढ़े दिए गए टार्गेट को लेकर ऊपरी तौर पर गंभीर दिख रहे.
आयुक्त तुकाराम मूंढ़े के समक्ष यह भी चुनौती हैं कि वे कैसा कार्यकाल अथवा याद छोड़ जाएंगे ? क्या वे सामान्य आयुक्तों के भांति ‘टाइमपास’ कर लौट जाएंगे या फिर रिक्त पदों पर भर्ती के प्रस्ताव को मंजूरी दिलवाकर मनपा में मनुष्यबल की कमी को सिरे से खात्मा कर मनपा को स्वयं के बल ( खुद की आय स्त्रोत) खड़ा करने की हिमाकत करेंगे।
याद रहे कि पिछले २ वर्ष से प्रत्येक माह २ से ३ दर्जन अधिकारी-कर्मी सेवानिवृत्त हो रहे.इसके साथ ही अनेकों ने ‘वीआरएस’ के लिए आवेदन भी कर चुके हैं.संभवतः ७ वां वेतन आयोग की सिफारिश अनुसार मनपा ने वेतन देना शुरू किया कि लगभग ४०० के आसपास कर्मी/अधिकारी ‘वीआरएस’ के लिए आवेदन करने के फ़िराक में हैं.
वहीं दूसरी ओर २ वर्ष पूर्व मनपा की सभागृह ने नागपुर मनपा के हिसाब से १७००० कर्मियों की जरुरत के अनुसार आकृतिबन्ध ( रुपरेखा) को मंजूरी प्रदान कर राज्य सरकार की मंजूरी के लिए उनके पास भेजा था,सरकार बदल गई लेकिन आजतक उक्त प्रस्ताव संबंधितों के मेज की शोभा बढ़ा रही.
जिस हिसाब से आयुक्त अपने दमखम का परिचय दे रहे,क्या उसी दमखम से सरकार की मंजूरी लेकर रिक्त पदों की भर्ती करने का साहस दिखा सकते हैं,ऐसा सवाल पक्ष-विपक्ष और आम कर्मियों के मध्य चर्चा का विषय बना हुआ हैं.
मनपा आयुक्त स्वच्छ भारत मिशन के तहत नागपुर मनपा को अग्र शहरों की सूची में लाने के लिए बैठक-दौरे कर रहे लेकिन मनपा स्वास्थ्य विभाग के हज़ारों पद रिक्त,उनके सोच पर पानी फेर रही.
आकृतिबंध के अनुसार पूर्ण भर्ती हुई तो मनपा को प्रति माह ५० करोड़ रूपए का अतिरिक्त बोझ वहन करना पड़ेंगा।
आयुक्त मूंढ़े ने मनपा में कदम रखते ही पुरानी सिस्टम को ढहा कर नई सिस्टम शुरू की.रिक्त उपायुक्त पदों पर तत्काल कनिष्ठों को अतिरिक्त प्रभार देकर उपायुक्त बना दिया और उपायुक्त पद पर कार्यरत कर्मियों( वार्ड अधिकारी सह अन्य ) की ‘डिमोशन’ कर दी.महेश मोरोने जैसों को एक के बजाय ३-३ विभाग का जिम्मा दे दिया,आज मोरोने सर धुन रहे.
आकृतिबंध अनुसार अधिकारी-कर्मियों की संख्या होनी चाहिए
सरकार के पास २ वर्ष पूर्व प्रलंबित मनपा आकृतिबन्ध के अनुसार कुल १७३३४ अधिकारी/कर्मी होनी चाहिए।इसमें उपायुक्त 7, शहर अभियंता 9, कार्यकारी अभियंता (स्थापत्य)-28, प्रोजेक्ट मॅनेजर -1, उपअभियंता (स्थापत्य) -94, कनिष्ठ अभियंता 302, निरीक्षक-233, स्थापत्य अभियांत्रिकी सहायक-448, मलेरिया सर्व्हे वर्कर-100, सुरक्षारक्षक-440, क्षेत्र कर्मचारी-500, रोड सफाई कर्मचारी-8660, पुलिस कॉन्स्टेबल-45 पद का समावेश हैं.
मूढ़े के सबसे करीबी हम, इसलिए नगरसेवक कर रहे खिलाफत
नागपुर मनपा के १० जोन का कचरा संकलन करने वाली ठेकेदार कंपनी ‘एजी इनवारो’ और पुणे की ‘बीवीजी’ कंपनी प्रबंधन का कहना हैं कि यह तीसरा मनपा हैं जहां हम आयुक्त मूंढ़े के साथ में काम कर रहे,इसलिए हमारी ‘ट्यूनिंग’ अच्छी हैं और इसलिए स्थानीय नगरसेवक बात-बात पर हमारी खिलाफत कर रहे.इसके पूर्व भी मलवा,मिटटी उठाई जाती थी और उसका भुगतान भी किया जाता रहा.आज मूंढ़े के सख्त रवैय्ये के कारण सभी अस्वस्थ्य होने से हम पर भड़ास उतार रहे.वैसे प्रशासन हमें काफी सहयोग कर रहा,इसलिए अड़चन की कोई बात नहीं।