Published On : Sat, Oct 23rd, 2021

महानिर्मिती मे पूर्व ऊर्जा मंत्री बावनकुले के नाम का वातावरण गर्म

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– जनता कोस रही है असमर्थ तिकड़ी अघाडी सरकार को

नागपुर – महाराष्ट्र राज्य विधुत निर्माण कंपनी लिमिटेड (महानिर्मिती) के पावर प्लांटों मे आज भी पूर्व ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के नाम की चर्चाएं जोरों पर गर्म चल रही है।महानिर्मिती की अनेक श्रमिक संगठनों तथा अधिकारियों और कर्मचारियों मे गुप्तगू शुरु है कि तत्कालीन ऊर्जा मंत्री बावनकुले साहब जैसा ऊर्जा मंत्री महाराष्ट्र को मिल नामुमकिन है।बताते है कि श्री बावनकुले मे हजारों-लाख खामियां होंगी परंतु उन्होंने बिजली परियोजनाओं के विकास तथा कर्मचारियों के हित मे ठोस पहल करने मे कसर नही छोडी है।अच्छा और नेक कार्य करके उन्होंने अपनी अमिट छाप छोडी है।

तत्कालीन ऊर्जा मंत्री श्री बावनकुले मे ठोस निर्णय लेने की वह क्षमता सराहनीय रही है।उनकी कार्यप्रणालियों की दाद देनी पडेगी। उनका मुख्य उद्देश्य यही रहा है कि स्थानीय बेरोजगारों को रोजगार से जोडना तथा विधुत प्रकल्प का सर्वांगीण विकास के अलावा श्रमिक अन्याय निवारण में उचित पहल करने का जो साहसिक कार्य श्री बावनकुले ने किया है उसे भुलाया नही जा सकता?

महानिर्मिती के सभी पावर प्लांटों मे कार्यरत सभी ठेका फर्मों के नियोक्ताओं का मानना है कि वर्तमान परिवेश में 6–6 महिने से उनका भुगतान रुका हुआ है।परंतु वर्तमान तिकडी अघाडी सरकार के ऊर्जा मंत्रालय को इसकी जरा भी फिक्र नहीं है।उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र के इतिहास में सबसे अच्छे और अनुभव कुशल,अनुशासन प्रिय और कर्तव्य पारायण ऊर्जा मंत्रियों मे से डा. पदमसिंह पाटील,श्री अजीतदादा पवार और श्रीचंद्रशेखर बावनकुले का नाम लिया जाता है।हालांकि तत्कालीन कबीना मंत्री श्री बावनकुले के ऊपर पालक मंत्री का जिम्मेदारी होने के नाते उन्होंने नागपुर जिले के विकास में भी उनका अच्छा योगदान रहा है।

महाराष्ट्र की तमाम जनता जनार्दन का मानना है कि शासन के सभी विभागों में कर्मचारियों का वेतन तथा ठेका फर्मों का बकाया भुगतान के लिए महाराष्ट्र की तिकड़ी अघाडी सरकार के पास निधि का टोटा-घाटा चल रहा है। महाराष्ट्र सरकार के आला अधिकारी और मंत्रियों ने कोई प्रगति की है तो सिर्फ सर्वत्र धन उगाही में अग्रगण्य देखा-सुना व पाया जा रहा है।महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों मे उत्साह नही दिखाई दे रहा है।