Published On : Sat, Oct 23rd, 2021

महानिर्मिती पावर प्लांटों में ठेका फर्मों का 500 करोड भुगतान बकाया

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– परियोजना में असंतोष,ठेका फर्मों की काली दीवाली

नागपुर: महाराष्ट्र राज्य विधुत निर्माण कंपनी लिमिटेड के अधिनस्थ 7 तापीय बिजली परियोजनाओं,01 गैस विधुत केंद्र तथा 4 जल विधुत केंद्रों मे कार्यरत 1000 से भी अधिक ठेका फर्मों तथा संयंत्र से संबंधित उपकरणों और ,सामग्रियां आपूर्ति कर्ताओं का लगभग 500 करोड रुपये देयक बिल भुगतान बकाया है।संयंत्र व सामग्रियां आपूर्ति कर्ताओं का मार्च माहिना से तथा बारहमासी परियोजना रखरखाव के कार्यों में कार्यरत सभी ठेका फर्मों का भुगतान बकाया है। केटीएस कान्ट्रक्टर एसोशियेशन के अनुसार महानिर्मिती के पावर प्लांटों मे करीबन 1200 ठेका श्रमिक कार्यरत हैं।उसी प्रकार 1000 के करीबन ठेका फर्मों तथा सप्लायरों का समावेश है।

इस संबंध मे कांट्रैक्टर एसोशियेशन की ओर से ऊर्जा मंत्री डा नितिन राऊत को भी मांगों का ज्ञापन सौंपा जा चुका है।ज्ञापन के अधार पर ऊर्जा मंत्री की ओर से महाराष्ट्र सरकार को प्रस्ताव भी भेजा जा चुका है।परंतु बताते हैं कि ऊर्जा मंत्री महोदय का प्रस्ताव मंत्रालय मे विचाराधीन फाइलों में कैद होकर रह गया है।उधर तमाम बिजली परियोजनाओं के ठेका फर्मों को किये कार्यों का भुगतान मे अकारण बिलंब को लेकर उनमे बेचैनी बढ रही है।एसोशियेशन अध्यक्ष रत्नदीप रंगारी ने स्पष्ट किया है कि दीपावली के पूर्व ठेकेदारों का बकाया भुगतान नही किया गया तो उन्हे आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पडेगा।

श्री रंगारी के अनुसार इसके पूर्व की सरकार के कार्यकाल में नियमानुसार नियमित बाकाया भुगतान होता रहा था। परंतु इस कांग्रेस प्रणीत अघाडी सरकार के शासन-काल में ठेका-फर्मों का बकाया भुगतान मे लालफीताशाही नीति अपनाई जा रही है एसा क्यों? महानिर्मिती के समक्ष इस गंभीर समस्याओं को लेकर सभी अधिकारी और ठेकेदार हैरान-परेशान है।बताते है कि पिछले सितंबर महीने मे कैसे भी रो-धोकर 20 प्रतिशत के हिसाब से भुगतान किया गया था।जो कि ऊंट के मुंह में जीरा की कहावत चरितार्थ होती है। बताया जाता है कि सभी ठेका फर्मों ने कर्जबाजारी करके अपने श्रमिकों को पगार का भुगतान किया जाता रहा है। कान्ट्रक्टर असोसियेशन के पूर्व अध्यक्ष श्री जयेन्द्रभाऊ वरडे ने बताया कि महानिर्मिती के आदेशानुसार सभी ठेकेदारों को विल प्रस्तुत करने के पूर्व अपने श्रमिकों का E.S.I.C. तथा E.p.F. तथा इंश्योरेंस का भुगतान करना पडता है तब कहीं ठेका फर्मों का विल पास होगा अन्यथा विल मंजूरी मे रुकावटें आ जाएगी। इसके अलावा निविदा नियमों और शर्तों के अनुसार ठेका कार्य पूरा करना पड़ेगा। अन्यथा दोषी ठेका फर्मों को ब्लेकलिष्ट होना पडेगा।

कान्ट्रक्टर एसोशियेशन के सभी पदाधिकारियों तथा सदस्यों ने दीपावली के पूर्व सभी ठेकेदारों को बकाया भुगतान किया जाना चाहिये अन्यथा काम बन्द आंदोलन किया जा सकता है।