मृत तेंदुए के अंगों के नमूने और ब्लड सैंपल जांच हेतु प्रयोगशाला भेजे गए
गोंदिया: गोंदिया वनविभाग अंतर्गत तिरोड़ा वनपरिक्षेत्र के वड़ेगांव सहवनक्षेत्र में आने वाले लोणारा बिट के ग्राम सितेपार स्थित खेत में एक तेंदूए का शव पाए जाने से वनविभाग से लेकर वन्यजीव प्रेमियों में सनसनी फैल गई है।
विशेष उल्लेखनीय है कि, गोंदिया जिला घने वनजंगलों से घिरा है। कूदरत के निसर्ग से परिपूर्ण जिले के वनक्षेत्रों में दुर्लभ वन्यजीवों को विचरण करते हुए सहज ही देखा जा सकता है। कई अवसरों पर ये वन्यप्राणी पानी की तलाश में अथवा राह भटककर रिहायशी इलाकों में भी प्रवेश कर लेते है।
शुक्रवार 22 अक्टूबर के तड़के दरमियान वनविभाग अधिकारियों को सितेपार स्थित किशनलाल चैनलाल बघेले के खेत में एक तेंदुआ मृत अवस्था में पाए जाने की जानकारी मिली जिसके बाद वनपरिक्षेत्र अधिकारी एम.एम. कडवे, क्षेत्र सहायक व अन्य कर्मचारी घटनास्थल पर पहुंचे। मौके का निरीक्षण करने पर मादा तेंदूआ मृत पड़ी हुई थी जिसकी उम्र लगभग 1 वर्ष बतायी जाती है और उसके सभी अंग सही सलामत थे। शुरूवाती जांच में इस प्रकरण में अवैध शिकार जैसे कोई संकेत नहीं मिले लिहाजा उपवनसंरक्षक गोंदिया व पशुधन विकास अधिकारी को जानकारी दी गई।
शाम ढलने के कारण अंधेरे में मृत तेंदूए का पोस्टमार्टम संभव नहीं होने के कारण शव को उसी स्थान पर सुरक्षित रखते हुए रात्रि में सुरक्षा बल तैनात किया गया।
आज शनिवार 23 अक्टूबर के सुबह पशुधन विकास अधिकारी डॉ. विवेक गजरे (एकोड़ी), डॉ. रेणुका शेंडे (वड़ेगांव) तथा डॉ. देवेंद्र कटरे (गोंदिया) की टीम ने मृत तेंदूए का पोस्टमार्टम किया। मृत तेंदूए के सभी अंग बराबर थे। पशुधन विकास अधिकारियों की टीम के अनुसार उक्त तेंदूए की मौत पीलिया (Jaundice) अथवा किसी संक्रमण होने की संभावना है। बहरहाल मृत तेंदूए के अंगों के नूमने चिकित्सकीय जांच के लिए ले जाए गए है। पोस्टमार्टम पश्चात शव का दाह संस्कार कर लिया गया।
मौके पर सहायक वनसंरक्षक आर.आर. सदगीर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी एस.के. आकरे, मानद वन्यजीव रक्षक मुकुंद धुर्वे आदि उपस्थित थे।
रवि आर्य