नागपुर- चन्द्रगहण के अवसर पर शहर के सभी मंदिर के कपाट बंद रहे. आज गुरुपूर्णिमा भी है. शहर के मंदिर बंद होने की वजह से भक्तो ने आज भगवान के दर्शन मंदिर के बाहर से ही लिए. गणेश टेकड़ी के मंदिर भी भगवान् गणेश को कपडे से ढककर रखा गया है. चन्द्रगहण का विशेष महत्त्व होता है.गुरु पूर्णिमा का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है.
हिन्दुओ में गुरु का सर्वश्रेठ स्थान है. यहां तक कि गुरु का दर्जा भगवान से भी ऊपर है क्योंकि वो गुरु ही है जो हमें अज्ञानता के अंधकार से उबारकर सही मार्ग की ओर ले जाता है. यही वजह है कि देश भर में गुरु पूर्णिमा का उत्सव धूमधाम से मनाया जाता है. इस बार गुरु पूर्णिमा के दिन चंद्र ग्रहण भी है.
यह ग्रहण कुल 2 घंटे 59 मिनट का होगा. भारतीय समय के अनुसार चंद्र ग्रहण 16 जुलाई की रात 1 बजकर 31 मिनट पर शुरू होगा और 17 जुलाई की सुबह 4 बजकर 30 मिनट पर समाप्त हो जाएगा. इस दिन चंद्रमा पूरे देश में शाम 6 बजे से 7 बजकर 45 मिनट तक उदित हो जाएगा इसलिए देश भर में इसे देखा जा सकेगा.
शास्त्रों के नियम के अनुसार चंद्र ग्रहण का सूतक ग्रहण से नौ घंटे पहले ही शुरू हो जाता है. तो इस हिसाब से सूतक 16 जुलाई को शाम 4 बजकर 31 मिनट से ही शुरू हो जाएगा. ऐसे में सूतक काल शुरू होने से पहले गुरु पूर्णिमा की पूजा विधिवत् कर लें. सूतक काल के दौरान पूजा नहीं की जाती है. सूतक काल लगते ही मंदिरों के कपाट भी बंद हो चुके है.