नागपुर. पिछले कुछ हफ्तों से केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी शहर के विभिन्न विकास कार्यों को लेकर फुल एक्शन मोड में हैं. इससे आगामी लोकसभा चुनावों की आहट नजर आ रही है. नागपुर महानगरपालिका से लेकर नागपुर सुधार प्रन्यास और कलेक्ट्रेट से लेकर विभागीय आयुक्त तक, उन्होंने सभी को काम पर लगा दिया.
मनपा की लचर कार्यप्रणाली से नाराज होकर शहर में जारी इन्फ्रास्ट्रक्चर कार्यों के लिए नागपुर मेट्रो को नोडल एजेंसी तक बना दिया. गडकरी ने विकास कार्यों की इस समीक्षा बैठक में रेलवे अधिकारियों को किसी भी प्रकार अड़ंगा न बनने के सख्त निर्देश भी दिए. लेकिन शहर के बीचोबीच बने स्टेशन के विकास और इसकी परेशानियों का कोई जिक्र नहीं किया गया.
कब टूटेगा टेकड़ी ब्रिज
स्टेशन की ऐतिहासिक गाथा संजोये पश्चिमी भाग की ओर बना टेकड़ी ब्रिज यहां आने वाले यात्रियों और अन्य लोगों के लिए मुसीबत बन चुका है. स्टेशन आने और जाने वाले लोगों के अलावा टेकड़ी रोड पर ट्राफिक सुधार के नाम पर बना उक्त ब्रिज अब उसी ट्राफिक का सबसे बड़ा दुश्मन बन चुका है. स्वयं गडकरी ने ही सबसे पहले मई 2017 में उक्त ब्रिज तोड़ने की बात कही थी, क्योंकि इसके बिना स्टेशन का विकास भी संभव नहीं है. यह बात और है कि सितंबर 2018 आ गया लेकिन अभी तक बात जहां के तहां ही है.
इसी बीच, पिछली बैठक में गडकरी ने आनन-फानन में ब्रिज तोड़ने के लिए मनपा को 25 सितंबर का फरमान जारी कर दिया. इस डेडलाइन को सिर्फ 3 सप्ताह बाकी हैं तो दूसरी ओर अभी तक मनपा ने यहां के दूकानदारों को नोटिस तक जारी नहीं किए. इससे साफ है कि न तो टेकड़ी ब्रिज टूटेगा और न ही स्टेशन के पश्चिमी भाग की स्थिति सुधरेगी.
कब हटेगा MP बस स्टैंड
उक्त ब्रिज तोड़ने की दलीलों में स्टेशन के विकास के साथ ही टेकड़ी मंदिर आने वाले नागरिकों को होने वाली परेशानी का भी हवाला दिया गया. लेकिन बात को सिर्फ टेकड़ी ब्रिज तक ही सीमित रखा गया, जबकि टेकड़ी रोड को हर 10 मिनट में ब्लाक करने का श्रेय एमपी बस स्टैंड से चलने वाली बसों को भी जाता है.
यदि ब्रिज से टेकड़ी रोड संकरी हुई है तो यहां आने वाली एमपी की बसें ट्राफिक जाम करने में कोई कसर नहीं छोड़तीं. यदि टेकड़ी रोड को फोर लेन भी बना दिया लेकिन एमपी बस स्टैंड के चलते यहां बस संचालकों की मनमानी जारी रहेगी. बेहतर होगा कि एमपी बस स्टैंड को हटाने के लेकर भी गडकरी द्वारा उचित कार्ययोजना बनवाई जाए.
स्थानीय प्रशासन का सहयोग जरूरी
यह सही है कि स्टेशन का विकास रेलवे मंत्रालय के हाथों में है. लेकिन यह बात भी ध्यान योग्य है कि नागपुर स्टेशन की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसके विकास में स्थानीय प्रशासन का सहयोग का उतना ही जरूरी है.
केन्द्र सरकार में गडकरी को पीएम मोदी के बाद ताकतवर नेताओं में नंबर 2 का स्थान मिला हुआ है. वह अपने दम पर ही स्टेशन के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की ताकत रखते हैं.
ऐसे में नागरिकों को उनसे उम्मीद होगी कि नागपुर शहर के सम्पूर्ण विकास में स्टेशन को भी प्रमुखता से शामिल करेंगे.
