नागपुर: शहर के स्वास्थ्य की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारियों की नाकामी के चलते ही स्वाइन फ्लू और डेंगू के कारण कई लोगों को जान गंवानी पड़ रही है. 21वीं सदी में भी स्वास्थ्य सुविधाओं के अभाव में बच्चों की मृत्यु होना खेदजनक होने का कारण देते हुए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई.
याचिका पर सुनवाई के दौरान हाल ही में हुई बारिश के बाद खामला चौक स्थित संचयनी काम्प्लेक्स में पुन: गंदगी फैली होने पर याचिकाकर्ता की ओर से आपत्ति जताई गई, जबकि मनपा की ओर से बताया गया कि जब तक टैक्स अदा नहीं किया जाएगा, तब तक यहां सेवाएं देना संभव नहीं है.
दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायाधीश भूषण धर्माधिकारी और न्यायाधीश झका हक ने प्रतिवादी को मनपा अधिकारी से सम्पर्क कर समस्या का निपटारा करने एवं कोई कर बकाया हो तो तुरंत अदा करने के आदेश भी दिए. याचिकाकर्ता की ओर से अधि. देवेन चौहान, मनपा की ओर से अधि. सुधीर पुराणिक ने पैरवी की.
खाली पड़ी इमारत का न हो दुरुपयोग
गत सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से एसएसआईएल के विशेष अधिकारी को प्रतिवादी बनाने की अनुमति मांगी गई. स्वतंत्रता प्रदान करते हुए अदालत ने संचयनी के पार्टनर और विशेष अधिकारी को खाली पड़ी इमारत का दुरुपयोग न हो, इसका विशेष ध्यान रखने के आदेश दिए.
साथ ही इमारत की दुरवस्था और गंदगी के कारण आसपास के लोगों को किसी तरह की परेशानी न हो, इसे भी गंभीरता से लेने के आदेश दिए. अदालत ने आदेश में स्पष्ट किया कि पड़ोसियों को सेवाएं देने के उद्देश्य से इमारत और आसपास का परिसर साफ रखने के लिए मनपा संचयनी के पार्टनर और विशेष अधिकारी से निधि की मांग कर सकती है.
इमारत के उपयोग पर विचार करें मनपा
गत सुनवाई के दौरान अधि. चौहान ने अदालत को बताया कि इस इमारत का निर्माण होने के बाद कोलकाता के हाईकोर्ट में सम्पत्ति का कुछ विवाद चल रहा है. कोर्ट के आदेशों के अनुसार ही इमारत की स्थिति ज्यों की त्यों बनी है. वर्तमान में हालात यह है कि पूरी तरह बंद इस इमारत में जगह-जगह गंदा पानी जमा हो जाता है. जिससे कई बार मनपा को मशीन लगाकर पानी का निस्सारण करना पड़ता है.
इसके अलावा शाम ढलते ही यहां अवांछित तत्वों का डेरा लग जाता है. जहां कई गलत कार्य भी होते हैं. सुनवाई के बाद अदालत ने आदेश में कहा कि कोलकाता हाईकोर्ट के आदेश के अधिन ही रहकर क्या इस इमारत का कोई उपयोग हो सकता है या नहीं, इस संदर्भ में मनपा द्वारा विचार किया जाना चाहिए, जिससे ऐसी त्रासदी से छुटकारा पाया जा सकता है.