Published On : Mon, Aug 6th, 2018

कहीं खंडहर न बन जाए कम्प्यूटर लाइब्रेरी

Advertisement

नागपुर: मनपा की ओर से शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठाए जाने का भले ही दावा किया जा रहा हो, लेकिन इसकी वास्तविकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि छात्रों को अत्याधुनिक कम्प्यूटरीकृत लाइब्रेरी की सुविधा मुहैया कराने के लिए विधायक निधि से लश्करीबाग में भले ही 6 वर्ष पूर्व निर्माण शुरू कर 3 वर्ष के भीतर पूरा किया गया हो, लेकिन अब केवल कम्प्यूटर आवंटन के लिए कुछ निधि के अभाव में लाइब्रेरी का श्रीगणेश नहीं हो पा रहा है. उद्घाटन के इंतजार में कहीं लाइब्रेरी की विशाल इमारत खंडहर न बन जाए, इस संभावना को लेकर तुरंत उचित कदम उठाने के लिए लिबर्टी फाउंडेशन और डा. बाबासाहब आम्बेडकर नेशनल स्टूडेन्ट्स फेडरेशन की ओर से आयुक्त का दरवाजा खटखटाया गया.

अब अध्ययन के बदले हो रहा खेल
आयुक्त को दिए गए पत्र में संगठनों के पदाधिकारियों ने बताया कि इमारत की ओर मनपा का ध्यान नहीं होने से अब इमारत परिसर में न केवल असामाजिक तत्वों का डेरा लगने लगा है, बल्कि आसपास के कुछ बच्चे यहां आकर क्रिकेट आदि खेल रहे हैं. फलस्वरूप इमारत की सुंदरता के लिए लगाए गए कांच आदि के फूटने की घटनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है. उनका मानना था कि निकट भविष्य में राज्य में स्पर्धात्मक परिक्षाएं होने जा रही हैं. कम्प्यूटरीकृत लाइब्रेरी का इन स्पर्धात्मक परीक्षाओं के लिए काफी उपयोग हो सकता है, जिससे इसे शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए. इसके पूर्व भी कई बार प्रशासन का इस ओर ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया. लेकिन कुछ नहीं हो पाया है. अत: अब लाइब्रेरी शुरू नहीं होने पर तीव्र आंदोलन करने के संकेत भी उन्होंने दिए.

मनपा की उदासीनता खेदजनक
लाइब्रेरी परिसर की छात्रा साथिया वासनिक का मानना था कि पूरी इमारत बनकर तैयार है, केवल कुछ कम्प्यूटर लगाकर इसकी शुरुआत करनी है, जिसके लिए थोड़ी ही निधि की आवश्यकता होगी. इसके बावजूद मनपा की उदासीनता काफी खेदजनक है. उत्तर नागपुर जैसे क्षेत्र में छात्रों को स्पर्धात्मक परिक्षाओं की तैयारियों के लिए इस तरह की लाइब्रेरी काफी उपयुक्त साबित हो सकती है, जिसे प्रशासन की ओर से गंभीरता से लिया जाना चाहिए.

बढ़ रही छात्रों की संख्या
आकाश लाहुरगडे ने बताया कि उत्तर नागपुर में छात्रों को अध्ययन की सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए कई वर्षों पहले राम मनोहर लोहिया लाइब्रेरी का निर्माण किया गया था. उस वक्त की आवश्यकता के अनुसार इस लाइब्रेरी का निर्माण किया गया था. लेकिन अब लगातार बढ़ती छात्रों की संख्या को देखते हुए यहां सभी को सुविधाएं मिलना संभव नहीं है. ऐसे में तैयार हो चुकी इस अत्याधुनिक लाइब्रेरी को शीघ्र शुरू किया जाना चाहिए.

कोचिंग पर होते हैं हजारों खर्च
स्पर्धात्मक परीक्षाओं की तैयारी कर रहे विक्की झोडापे ने बताया कि स्पर्धात्मक परीक्षाओं के लिए निजी कोचिंग के लिए हजारों रुपए खर्च करने की बजाय यदि कम्प्यूटरीकृत लाइब्रेरी छात्रों को उपलब्ध होती है, तो आर्थिक दृष्टि से कमजोर वर्ग के छात्रों को इसका उपयुक्त लाभ होगा. 21वीं शताब्दी के इस युग में इसी तरह की लाइब्रेरी की आवश्यकता है. जहां छात्रों को सभी क्षेत्र की जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध हो सकेगी. लेकिन लाइब्रेरी शुरू नहीं होने से मूल उद्देश्य ही सफल नही हो पा रहा है.

मनोरंजन पर करोड़ों खर्च
नीतेश सांगुडे ने बताया कि हमेशा ही उत्तर नागपुर जैसे क्षेत्र के साथ विकास को लेकर दोहरी नीति देखी गई है. तुलनात्मक दृष्टि से अन्य क्षेत्रों में कई तरह की सेवा सुविधाएं मनपा की ओर से दी जाती है, लेकिन उत्तर नागपुर का मौका आते ही, कई तरह की अड़चनें आती हैं. मनपा की ओर से हर वर्ष नालों की सफाई, फूटपाथ, खेल-कूद, मनोरंजनात्मक कार्यक्रमों पर करोड़ों खर्च किया जाता है. लेकिन अध्ययन के लिए आवश्यक कुछ लाख रुपए के आवंटन पर आनाकानी हो रही है.