नागपुर: विवादास्पद छबि के धनी मनपा सतरंजीपुरा ज़ोन के सभापति व भाजपा नगरसेवक प्रवीण भिसीकर से ज़ोन के अधिकारी-कर्मचारी काफी हैरान-परेशान है। वह इसलिए की वे बात-बात पर सभी से अपशब्दों का इस्तेमाल अधिकांशतः सार्वजानिक तौर पर करते है। इसकी अनेकों दफे मनपा प्रशासन के उच्च अधिकारी सह मनपा पदाधिकारियों से की गई लेकिन कोई निराकरण नहीं हुआ। इस चक्कर में रोजमर्रा के कामकाज प्रभावित हो रहे है।
सूत्रों द्वारा प्राप्त जानकारी के अनुसार भिसीकर ने महीनों पूर्व मनपा की आमसभा में “केबल डक्ट पालिसी” सम्बंधित बड़े जोर-शोर से खामियां गिनवाते हुए सम्बंधित अधिकारी को ललकारते हुए जवाब माँगा था लेकिन खामियां तो भरपूर थी इसलिए सम्बंधित अधिकारी चुप्पी साधे रहे। मौके की नजाकत को समझते हुए महापौर ने निर्देश सम्बंधित अधिकारी सह उसके वरिष्ठ अधिकारी को निर्देश दिए थे कि भिसीकर द्वारा पूछे गए सवालात का विष्तृत जवाब एक तय समय में दिया जाये।
मामला यही ख़त्म नहीं हुआ, जब इसकी तह में गए तो पता चला कि भिसीकर द्वारा पूछे गए सवालात से सम्बंधित को ठेके भिसीकर को दिए गए। उन कामो को करने के बजाय उलट सवाल उठा कर बदनाम कर रहा। आमसभा के बाद भिसीकर को दो दर्जन से अधिक सम्बंधित मामलों के ठेके दिए जाने की जानकारी मिली है। भिसीकर के घटना से यह भी सवाल उठता है कि आमसभा में सवालकर्ता को प्रभावी ढंग से सवाल करने या मुद्दा उठाने पर किसी न किसी तरह से लाभ होता ही है। पुनः मुद्दा न उछालने के एवज में आर्थिक फायदा से या मांगों अनुरूप विकास कार्य अपने प्रभाग में करवा लेते है और कुछ नहीं तो ठेकेदारी लेकर अपने चाहतों के मार्फ़त काम कर बड़ा आर्थिक फायदा उठा लेते होंगे?
भिसीकर जब से जोन सभापति बने है, तब से जोन के अधिकारी-कर्मचारी काफी दहशत में है। यह भी तय है कि अधिकांश अधिकारी-कर्मी दूध के धुले नहीं है। भिसीकर पर आरोप है कि वह जोन में विभिन्न विभागों के प्रमुख से सीधे मुनाफे का समझौता करने की बजाय अपने चुनिंदों बंदों के नाम से सूचना अधिकार के तहत खासकर बिल्डिंग विभाग में निवेदन दर्ज देकर आवेदक और उसके कर्ता-धर्ता दोनों को आर्थिक-मानसिक परेशानी दे रहा है। इस चक्कर में जोन के विभागों में कार्यरत अधिकारी-कर्मी के रोजमर्रा के कार्य प्रभावित हो रहे है। जिन अधिकारी-कर्मी की ऊपरी कमाई बंद हो गई वे इसे शुरू करने के लिए भिसीकर पर नकेल कसने हेतु दौड़-भाग कर रहे है।
भिसीकर के एक समर्थक का कहना है कि पार्टी स्तर पर कुछ तरक्की हो न हो प्रशासनिक स्तर पर वे फायदा उठाने में सक्षम है.आज के दौर में जिलाधिकारी उनके बचपन का साथ है और मनपा अपर आयुक्त उनका सागा रिश्तेदार है। दोनों ही अधिकारी शहर में प्रभावी है.इसलिए भिसीकर का काम कही नहीं रुकता है।
भिसीकर के शाम के साथी सूत्रों के अनुसार भिसीकर किसी की नहीं मानता है। सिर्फ जब उसका समाधान होने पर शांत होता है। एक साथी के अनुसार जबतक ज़ोन के सभी विभाग प्रमुख मासिक लाभ तय नहीं करेंगे तब तक उन्हें और उनके विभाग के कर्मियों की ऊपरी कमाई पुनः शुरू नहीं हो पायेगी।
– राजीव रंजन कुशवाहा