Published On : Sun, Nov 19th, 2023

ताडोबा की चहेती बाघिन माया की मौत जंगल में मिला कंकाल

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Represenataional Pic

चंद्रपुर, ताडोबा अंधारी बाघ परियोजना में एक और बाघ की मौत हुई है. इस मादा बाघ की पहचान माया के रूप में हुई है. ताडोबा के कम्पार्टमेंट क्रमांक 82 में माया बाघिन कंकाल बरामद हुआ है. इस कंकाल के अवशेषों को डीएनए जांच के लिए रवाना किया गया है. इस बाघ के अवशेष जंगल मे 100 मीटर के दायरे में बिखरे हुए पाए गए है. मृत बाघ का शरीर इतना सड़ा गला था कि, उसे पोस्टमार्टम के लिए ले जाना संभव नही था. वन अधिकारियों ने इस बाघ की मौत प्राकृतिक कारणों से होने का दावा किया है.

गौरतलब है कि, यह माया बाघिन ताडोबा अंधारी बाघ परियोजना के पांढरपौनी क्षेत्र की प्रमुख बाघिन थी, जो पिछले कुछ दिनों से लापता हुई थी. सूत्रों के अनुसार इस बाघिन का जन्म दिसंबर 2010 में हुआ था, वर्ष 2014 से इस बाघिन की अब तक 5 बार प्रसूति हुई थी और उसने कुल 13 शावकों को जन्म दिया था. इनमें से 4 शावकों की प्राकृतिक कारणों से मौत हुई थी. यह भी उल्लेखनीय है कि, यह माया नामक बाघिन हमेशा से पर्यटकों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र रही थी, पर्यटकों को इसका आसानी से दर्शन हुआ करता था, लेकिन पिछले कुछ दिनों से यह बाघिन लापता हुई थी. उसे आखरी बार मार्च से मई 2023 में देखा गया था. उसके लापता होने से वन अधिकारियों की ओर से माया बाघिन के अधिवास क्षेत्र मेंपेट्रोलिंग और कैमरा ट्रैप की मदद से तलाशी अभियान चलाया जा रहा था, लेकिन उसका कहीं ठिकाना नहीं मिल रहा था. हालांकि इस अभियान के दौरान वन अधिकारियों को माया बाघिन के टैरिटरी में 10 अन्य बाघ नजर आए थे जिनमें 6 मादा और 4 नर बाघों का समावेश था. इस बीच वन अधिकारियों द्वारा चलाये जा रहे तलाशी अभियान के दौरान उन्हें 18 नवंबर को ताडोबा के कंपार्टमेंट क्रमांक 82 में बाघ का एक कंकाल बरामद हुआ, इस कंकाल की शिनाख्त माया बाघिन के रूप में ही कि गयी है.