Published On : Sat, Mar 24th, 2018

स्वामीनारायण स्कूल प्रबंधन आरटीई के तहत प्रवेश देने में कर रही धांधली

RTE, Nagpur
नागपुर: राज्य सरकार के निर्णयानुसार गरीब बच्चों एवं विद्यार्थियों को निकट के उच्च गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्था के विद्यालयों में शिक्षण ले सके इसलिए आरटीई मार्फ़त २५% आरक्षित जगहों में प्रवेश दी जाती हैं. लेकिन पूर्व नागपुर में स्थित स्वामीनारायण स्कूल प्रबंधन आरटीई के तहत आए आवेदनों में खोट निकालकर विद्या ग्रहण करने के इच्छुकों के आवेदन रद्द कर उनके भविष्य से खिलवाड़ करने की कोशिश कर रही हैं. उक्त आरोप मनपा में विधि समिति के अभ्यासु सभापति अधिवक्ता धर्मपाल मेश्राम ने लगाया। मुक्त मामले को वे स्थानीय विधायक कृष्णा खोपड़े के मार्फ़त विधानसभा में उठाने की मांग करेंगे.

मेश्राम के अनुसार आरटीई के नियमानुसार स्कूल और आवेदक विद्यार्थी के घर की दूरी ३ किलोमीटर के भीतर होनी चाहिए, लेकिन उक्त स्कूल प्रबंधन डेढ़ किलोमीटर की दूरी दर्शाकर सुनील बोरकर के बच्चे का आवेदन रद्द कर दिया। मेश्राम के अनुसार प्रबंधन प्रत्यक्ष में आवेदकों के घर की स्कूल तक की दूरी की गणना करने के बजाय ‘गूगल मैप’ का सहारा ले रही है. दोनों के गणना में काफी फर्क दिख रहा है.

उक्त मामले की शिकायत प्राथमिक शिक्षणाधिकारी से की गई थी, लेकिन उन्होंने ठोस कार्रवाई के बजाय स्कूल प्रबंधन को पत्र लिख खानापूर्ति की और शिकायतकर्ता को भी साफ़ साफ़ शब्दों में कह दिया कि वे इससे ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं.

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मेश्राम के अनुसार उक्त स्कूल के प्रबंधन ने आरटीई के तहत एक मुस्लिम समुदाय के आवेदक का आवेदन इसलिए रद्द कर दिया क्यूंकि उस आवेदक का आधार कार्ड में अंकित नाम में कुछ गड़बड़ी थी.

मेश्राम के अनुसार गुलमोहर नगर निवासी स्वरा नागदेवे का आवेदन भी स्कूल से उसका घर पौने २ किलोमीटर पर होना दर्शाकर रद्द कर दिया गया, लेकिन उससे उसके सभी कागजातों का ज़ेरॉक्स लिया गया, जो कि समझ से परे है.

मेश्राम का संगीन आरोप है कि उक्त स्कूल प्रबंधन रिक्त आरटीई की सीटों को महंगे में प्रभावी पालकों में बेचती रही है.

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