Published On : Wed, Jul 18th, 2018

भुजबल का अपमान करने वाले पुलिस उपनिरीक्षक के निलंबित का आदेश

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नागपुर: विधानसभा में हक्क भंग प्रस्ताव के तहत एनसीपी विधायक जितेंद्र आव्हाड ने मांग की कि छगन भुजबल का कोई सरोकार न होते हुए भी उनके खिलाफ पुलिस उपनिरीक्षक महावीर जाधव ने अपशब्दों का इस्तेमाल किया. इसलिए जनप्रतिनिधि का अपमान करने पर उसे निलंबित किया जाए.

इस मामले पर विपक्ष नेता और एनसीपी नेता अजीत पवार ने भी साथ दिया.

बीजेपी मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने विधानसभा अध्यक्ष से उनके अधिकार का इस्तेमाल करने पर अपने पक्ष का समर्थन दिया. मौके को भुनाते हुए शिवसेना ने भी आव्हाड की मांग का समर्थन तो किया लेकिन जैसे ही सर्वपक्षीय मांग विधानसभा अध्यक्ष ने पूरी करते हुए जाधव को आज के आज निलंबित करने का आदेश दिया. तुरंत बाद सेना के दो विधायकों के साथ अधिकारियों द्वारा दो वर्ष पूर्व किए गए बदसुलूकी पर उनके निलंबित करने की मांग करने वेल में पहुंच गए.

सेना के विधायक तब और उग्र हो गए जब उनके नेता आदित्य ठाकरे विधानसभा के दर्शक दीर्घा में दिखे. मामला न सुलझाता देख विधानसभा अध्यक्ष ने १२.३६ बजे १५ मिनट के लिए कामकाज स्थगित कर दिया. १५ मिनट बाद कामकाज शुरू होते ही सेना का हंगामा शुरू होते देख १२.५१ बजे तालिका अध्यक्ष ने और १५ मिनट के लिए दूसरी बार कामकाज स्थगित कर दिया. कामकाज स्थगित होने के तुरंत बाद आदित्य ठाकरे दर्शक दीर्घा से चले गए.

दोपहर १.०६ बजे कामकाज शुरू हुआ. विधानसभा अध्यक्ष के आदेश पर शिवसेना विधायक राजेश क्षीरसागर ने उनके साथ ६ वर्ष पूर्व घटी घटना का जिक्र करते हुए भुजबल की तर्ज पर न्याय की मांग की. उन्होंने यह भी बताया की ज्योति प्रिया सिंह अहमदनगर,हैदराबाद,कोल्हापुर, जालना में विवादों में रही है.

इसके बाद सेना के विधायक नागेश पाटिल अष्टिकर द्वारा २ साल पूर्व एक पुलिस निरीक्षक द्वारा उनके साथ की गई बदसुलूकी का आडियो क्लिप सभागृह में सुनाया। इस एक वाक्य से सर्व पक्षीय विधायक एकजुट होकर वेल में आकर उक्त पुलिस अधिकारी को कार्यमुक्त करने की मांग करने लगे. हंगामा न थमता देख दोपहर १.१९ बजे तीसरी बार विधानसभा का कामकाज विधानसभा अध्यक्ष ने स्थगित कर दिया.

दोपहर १.३५ बजे विधायक क्षीरसाट,विधायक आष्टिकर,विधायक चंद्रदीप नरके,विधायक नितेश राणे,विधायक बच्चु कडू,शरद सोनोने,विधायक वारिश पठान,विधायक महेश चौगुले,विधायक भामरे ने पुलिस अधिकारी से हुई अपनी कड़वी अनुभव को सुनाया। और धारा ३५३ की सुधारना रद्द और उक्त संबंधित अधिकारी पर कारवाई की मांग की.

एनसीपी नेता अजीत पवार के मांग पर संसदीय कार्य मंत्री ने घोषणा की कि कल कामकाज शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष मुख्यमंत्री से चर्चा कर उक्त मामले पर अपना निर्णय देंगे.