Published On : Mon, Jul 30th, 2018

किराए पर कोख रखने वाली महिला को बनाया बेवकूफ

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नागपुर: अपने दो बच्चों को पालने के लिए अपनी कोख किराए पर रखने वाली महिला को बेवकूफ बनाने वाले सेरोगरी रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। नंदनवन थानांतर्गत सरोगेसी रैकेट प्रकरण में एक पीड़ित महिला की शिकायत पर पुलिस ने 6 आरोपियों पर मामला दर्ज किया है।

आरोपियों में डॉ. चैतन्य शेंबेकर देवनगर, डा. लक्ष्मी श्रीखंडे धंतोली, डा. दर्शना पवार रविनगर चौक, डॉ. वर्षा ढवले छत्रपति नगर, मुख्य एजेंट मनीष सूरज रतन मुंदड़ा (32) और उसकी पत्नी हर्षा मुंदड़ा शामिल हैं। इन आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इससे आरोपी डॉक्टर भूमिगत हो गए हैं। पुलिस ने आरोपी एजेंट मनीष मुंदड़ा और उसकी पत्नी हर्षा मुंदड़ा को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी दंपति को अदालत में पेश किया। अदालत ने दंपति को 1 अगस्त तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है।

पीछा छुड़ाना चाहते थे
सूत्रों से पता चला है कि पीड़ित महिला अपने पति से अलग अपने दो बेटों के साथ रहती है। उस पर दोनों बेटों के परवरिश की जिम्मेदारी थी। वह अपने बच्चों का भविष्य संवारने के लिए अपनी कोख को किराए पर रखने का कारोबार करने वालों के साथ जुड़ गई थी। सरोगेसी रैकेट से जुड़े आरोपी डॉक्टरों और एजेंटों से जब इस महिला ने काम होने के बाद अपनी बाकी रकम मांगी, तो आरोपी डॉक्टर और एजेंट उसे धमकाने लगे। इस सरोगेसी महिला को चार लाख रुपए देने का वादा किया गया था। एक लाख रुपए देकर आरोपी डॉक्टर और एजेंट उससे पीछा छुड़ाना चाहते थे, लेकिन उसने नंदनवन थाने में शिकायत कर दी, जिससे आरोपियों के काले कारनामों का खुलासा हुआ।

ये वादा करते थे आरोपी
सूत्रों के अनुसार आरोपियों द्वारा सरोगेसी महिला को नाना प्रकार की सुख-सुविधाएं देने का वादा किया जाता था। इसके बदले में उससे कहा जाता था कि वह एंब्रियो ट्रांसफर से लेकर प्रसूति तक मदद करेगी। इस काम के लिए उसे शुरू में एक लाख रुपए दिया जाता था। बाकी काम होने पर देने का वादा करते थे। सरोगेसी महिला ने काम पूरा होने के बाद जब बाकी रकम मांगी, तो एजेंट मनीष मुंदड़ा उसे धमकाने लगा। उसने नंदनवन थाने में शिकायत कर दी। पुलिस ने इस मामले में उक्त आरोपियों पर मामला दर्ज कर लिया।

मुंदड़ा दंपति का टेस्ट ट्यूब बेबी सेंटर चलाने वाले अन्य कई डॉक्टरों से जान-पहचान है। मुंदड़ा दंपति आर्थिक रूप से कमजोर और पति के साथ नहीं रहने वाली महिलाओं की तलाश करते थे। उन्हें सरोगेसी मदर बनने के बदले में 4 से 8 लाख रुपए तक कमाई करने का लालच दिया जाता था। इनके झांसे में आने वाली महिलाओं को डॉक्टरों के पास ले जाकर सौदेबाजी करते थे।

धंतोली पुलिस ने कर दी थी लीपापोती
सूत्रों के अनुसार नवंबर 2017 में एक ऐसा ही मामला धंतोली थानांतर्गत उजागर हुआ था। इस मामले में लीपापोती कर उसे दबा दिया गया। किसी राउत नामक धनाढ्य व्यक्ति ने सरोगेसी महिला से औलाद का सुख प्राप्त किया था। जब पैसे नहीं मिले, तब उस सरोगेसी महिला ने धंतोली थाने में शिकायत की थी। उस समय मामला काफी चर्चा में था। नंदवन पुलिस इस बात का पता लगाने में जुट गई है कि कहीं सरोगेसी रैकेट का यह प्रकरण उससे तो जुड़ा नहीं है। क्षेत्र के पुलिस उपायुक्त नीलेश भरणे का कहना है कि इस प्रकरण की तह तक पुलिस जाएगी। इसमें जितने भी लोग शामिल हैं। उन्हें बेनकाब किया जाएगा।