Published On : Sat, Dec 17th, 2022
By Nagpur Today Nagpur News

‘दोषियों की रिहाई पर फिर से विचार…’ सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की बिलकिस बानो की याचिका

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सुप्रीम कोर्ट ने बिलकिस बानो की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया है, जिसमें एक दोषी की याचिका पर फैसला दिया था कि दोषियों की रिहाई पर गुजरात सरकार 1992 की नीति से विचार करे.

किस बारे में है बिलकिस की याचिका?

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मई 2022 में जस्टिस अजय रस्तोगी ने एक दोषी की याचिका पर आदेश दिया था कि गुजरात सरकार 1992 की रिहाई की नीति के तहत बिलकिस बानो मामले में दोषियों की रिहाई पर विचार कर सकती है. हालांकि बिलकिस बानो ने अपनी याचिका में कहा है कि इस मामले का पूरा ट्रायल महाराष्ट्र में चला है और वहां की रिहाई नीति के तहत ऐसे घृणित अपराधों में 28 सालों से पहले रिहाई नही हो सकती है.

जिस राज्य में अपराध, उसी में कम होगी सजा

जानकारी के लिए बता दें कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने साफ कर दिया था कि जिस राज्य में अपराध होगा, उसी राज्य में दोषी की आवेदन पर विचार किया जा सकता है. अब क्योंकि बिलकिस बानो वाला मामला गुजरात का था, लिहाजा इस मामले में दोषियों को अपनी सजा कम करवानी थी, तो गुजरात सरकार से अपील करनी थी. सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के बाद ही रीमिशन पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए गुजरात सरकार ने बिलकिस बानो वाले मामले में सभी दोषियों के लिए रिहाई का फैसला सुना दिया.

11 दोषियों को गुजरात सरकार ने दी थी माफी

बता दें कि इसी 15 अगस्त को गुजरात सरकार ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान बिलकिस बानो गैंगरेप मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी ग्यारह दोषियों को माफी देते हुए रिहा कर दिया था. इस मामले पर कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल और सिविल सोसायटी के संगठनों ने कड़ी प्रतिक्रिया दी थी और गुजरात सरकार की जोरदार निंदा की थी.

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