तलेगांव (शा. पंत) (वर्धा)। स्व. वत्सलाबाई गोहाड़ क. महा.तलेगांव(शा. पं) यहाँ राष्ट्रीय सेवा योजना द्वारा “महापरिनिर्वाण” दिन मनाया गया. कार्यक्रम के अध्यक्ष महाविद्यालय के प्रा. जाथोड़े थे. प्रमुख उपस्थिती प्रा. भगत, चौधरी सर, सुनील भाऊ मोहाड सर तथा प्रमुख अतिथी विश्वजीत घोरपडे मंच पर उपस्थित थे. डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर की प्रतिमा को माल्यार्पण कर मानवंदना की गयी. उसके बाद उनके जीवन चरित्र पर प्रकाश डाला गया.
विश्वजीत घोरपडे ने कहाँ डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर ने सामान्य जनता को स्वातंत्र्य का अधिकार दिलाया. कलंबे मैडम ने अपने मनोगत में कहाँ डॉ. आम्बेडकर के “शिका, संघटित व्हा आणि संघर्ष करा” इस वाक्य से प्रेरित होकर बहुजनों के शिक्षण का प्रमाण बढ़ा है.
महाविद्यालय के प्रा. भगत ने कहाँ डॉ. बाबासाहब आम्बेडकर जन्म से मरने तक संघर्षमय जीवन जगते आये थे. देश के गरीब और दलित समाज के लोगों के लिए समाज का द्वार हमेशा खुला रहे और देश में चल रहे भेदभाव को नष्ट करने लिए स्वतः धर्मांतर कर दिन-रात लड़े थे. ऐसे महामानव का 6 दिसंबर 1956 को निर्वाण हुआ. आखिर में कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रा. तातोड़े ने उनके कार्यों का गौरव करते हुए कालाराम मंदिर प्रवेश, चवदार तालाब का पानी, भारतीय घटना ऐसे अनेक कार्यों के बारे में बताया.
इस कार्यक्रम का संचालन कक्षा 12 वि की छात्रा विघ्ने, आभार प्रदर्शन राष्ट्रीय सेवा योजना के प्रमुख प्रा. उमेश पवार ने किया. कार्यक्रम की सफलता के लिए प्रा. मांगलिया, प्रा. पावड़े, राउत मैडम और राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंम सेवक ने प्रयास किया.