नागपुर: केंद्रीय प्रवेश समिति की ओर से सोमवार को 11वीं कक्षा में एडमिशन पहली बार ऑनलाइन पध्दति से हुई थी. जिसकी पहली मेरिट लिस्ट लगाई गई है. ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया के कारण विद्यार्थियों को अपनी रुचि के विषय को चुनने के लिए ऑप्शन नहीं दिए जाने से कई विद्यार्थियों को परेशान होना पड़ा. दरअसल ऑनलाइन प्रवेश प्रक्रिया करते समय फॉर्म में साइंस और बायफोकल का ऑप्शन दिया गया था. लेकिन साइंस फ़ैकल्टी में कई विषय होते हैं. जैसे कम्यूटर साइंस, जिनका ऑनलाइन फॉर्म भरते समय कहीं पर भी उल्लेख नहीं किया गया था. जिन्हें कंप्यूटर साइंस विषय या दूसरे विषय को चुनना था तो उसके लिए भी केंद्रीय प्रवेश समिति की और से कोई व्यवस्था नहीं की गई थी. विद्यार्थियों ने ऑनलाइन फॉर्म भरते समय 10 कॉलेज के नाम डाले थे. जिनमें से उनके पसंद के विषय वाले कॉलेज भी थे. लेकिन केंद्रीय प्रवेश समिति की ओर से यह नियम बनाया गया है कि 10 कॉलेज में से जिस कॉलेज को विद्यार्थियों ने पहली पसंद बताया है, उसी में लिस्ट लगने के बाद एडमिशन करना होगा.
फॉर्म भरने के बाद विद्यार्थियों को अगर अपने पसंदीदा विषय के बारे में जानकारी पाने के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है. कॉलेजों के मामलों को देखनेवाले सम्बंधित अधिकारियों का कहना है कि जब 11वीं कक्षा के एडमिशन की तीसरी मेरिट लिस्ट लगेगी उसके बाद विद्यार्थियों को पता चलेगा कि उनके विषय उन्हें मिले हैं या नहीं. कई कॉलेज में पहली मेरिट लिस्ट लगायी ही नहीं गई है. पुणे के शिक्षा विभाग के इस तुगलकी फरमान के कारण अब विद्यार्थियों को न चाहते हुए भी उसी कॉलेज में एडमिशन लेना होगा जहां उनके रुचि के विषय नहीं. अगर विद्यार्थियों को उनके पसंद के विषय नहीं मिले तो कॉलेज उन्हें जनरल साइंस में एडमिशन लेने के लिए कहेगा. जिसमें विद्यार्थियों को न चाहते हुए भी उन विषयों की पढ़ाई करनी ही होगी. जिसकी पढ़ाई से उनका कोई सरोकार नहीं है.
विद्यार्थियों का कहना है कि उनको ऑनलाइन फॉर्म भरते समय साइंस और जनरल साइंस, बायोफोकल के तहत विषयों को लेने के लिए ऑप्शन दिए जाने चाहिए थे. या तो फिर पहली मेरिट लिस्ट में विद्यार्थियों को मिले हुए विषयों के बारे में जानकारी देनी चाहिए थी. इस बारे में विद्यार्थियों ने बताया कि तीसरी मेरिट लिस्ट आने के बाद जिन विद्यार्थियों को अपने पसंद के विषय लेने का मौका नहीं मिला है. उन्हें मौका मिल सकता है. लेकिन इसकी उम्मीद कम ही है. कॉलेज द्वारा एक मैनेजमेंट कोटा भी होता है. लेकिन लगभग सभी कॉलेजो के इस कोटे के तहत एडमिशन फुल होने की बात कही जा रही है.
शिक्षा विभाग पुणे और शिक्षा मंत्रालय द्वारा लिया गया यह निर्णय वाकई में विद्यार्थियों की परेशानी बढ़ाने वाला निर्णय है. विद्यार्थियों का कहना है कि उन्हें उनके पसंदीदा विषय वाले कॉलेज में एडमिशन नहीं मिलने पर उन्हें दूसरे कॉलेज जहां पर सम्बंधित विषय हो उस कॉलेज में एडमिशन करने की अनुमति मिले और साथ ही लिस्ट के विषयो के बारे में भी शिक्षा विभाग की ओर से सही जानकारी दी जाए.