Published On : Fri, Jul 14th, 2017

तेरह सौ विद्यार्थियों में 340 को ही मिला गणवेश अनुदान


नागपुर:
उत्तर नागपुर के हबीब नगर मार्ग पर मनपा की जी. एम. बनातवाला इंग्लिश प्राथमिक-माध्यमिक शाला के विद्यार्थियों को इन दिनों गणवेश के बिना ही स्कूल में पढ़ाई करने पर मजबूर होना पड़ रहा है। वजह यह है कि न तो सभी विद्यार्थियों के बैंक खाते खुले हैं और न ही मनपा ने विद्यार्थियों के गणवेश खरीदी के लिए पूरी निधि ही स्कूल को उपलब्ध कराई है. वहीं इस शाला को सर्व शिक्षा अभियान के तहत मात्र 340 विद्यार्थियों के गणवेश खरीदी के लिए ही अनुदान मिला पाया है. जबकि इस स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या लगभग 1300 है.

दरअसल राज्य सरकार के नए नियमानुसार सभी विद्यार्थियों को गणवेश आदि सुविधाओं के लिए बैंमकों में खाता खुलवाना था, फिर उन सभी बच्चों के पालकों को मनपा के निर्देशानुसार तय राशि के भीतर गणवेश खरीदी करनी थी. जिसकी पक्की रसीद शाला प्रबंधन को प्रस्तुत करने पर शाला प्रबंधन उन विद्यार्थियों के बैंक खाते में तय अनुदान ‘ट्रांसफर’ करने का तय है. लेकिन इस स्कूल में केजी से लेकर ९वीं तक की कक्षाओं में पढ़नेवाले विद्यार्थियों में से 70% विद्यार्थियों को 100, तो कुछ को 300-400 रूपए भुगतमान कर बैंकों में खाते खुलवाने पड़ रहे हैं. शेष 30% विद्यार्थियों ने आर्थिक परिस्थिति ठीक न होने के कारण अब तक वे खाता नहीं खुलवा पाए हैं. लेकिन अब खाता खोलने के लए बैंकवाले विद्यार्थियों के पालकों से 5-5 हज़ार रूपए की डिपाजिट की मांग कर रहे हैं. बैंक वालों को इस स्कूल प्रबंधन की तरफ से जानकारी दी गई थी कि शाला के विद्यार्थियों का खाता मुफ्त में खोला जाए, लेकिन बैंक प्रबंधन मुफ्त में खाता खोलने के लिए तैयार नहीं है. मवहीं मनपा प्रशासन ऐसे विद्यार्थियों के लिए फूटी-कौड़ी देने को राजी नहीं. जिस वजह से किमसी भी विद्यार्थियों को गणवेश का अनुदान ‘ट्रांसफर’ नहीं किया गया है. इस वजह से आज भी बदहाल अवस्था में विद्यार्थी पढ़ रहे है.

हज़ारों को पढ़ाने के लिए मात्र 32 शिक्षक
हर वर्ष निम्न दर्जे की शिक्षण व्यवस्था की वजह से मनपा शालाए बंद होती जा रही हैं. प्रशासन हमेशा अतिरिक्त शिक्षक को पालने का रोना रोते रहते हैं. ऐसे में इन शाला के विद्यार्थियों को शिक्षित करने के लिए शाला की जरूरतानुसार शिक्षक में भी मनपा प्रशासन की ओर से आनाकानी की जा रही है. यहां 1300 विद्यार्थियों के लिए मात्र 32 शिक्षक हैं. इसके पहले के शैक्षणिक सत्रों ( पिछले 7-8 साल तक ) में क्षेत्र के मुस्लिम लीग के तत्कालीन नगरसेवक असलमुल्ला खान ने प्रत्येक माह 20-20 हज़ार रुपए खर्च कर इंग्लिश मीडियम के 6 बीएड शिक्षकों सहित 2 कर्मियों को 2-3 हज़ार रुपए मासिक मानधन पर विद्यार्थियों को शिक्षित करने का काम किया. अब उनके चुनाव हारने के बाद उनके द्वारा लगाए गए 8 शिक्षक-कर्मियों को खराब आर्थिक स्थिति का हवाला देकर अचानक बिना कारण बताए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया है. पूर्व नगरसेवक असलमुल्ला खान ने मनपा आयुक्त से उक्त हटाए गए कर्मियों को दोबारा सशर्त नियुक्त करने की मांग की है.

Advertisement

खुद की इमारत में शिफ्ट होगी स्कूल
उक्त शाला पिछले 7-8 साल से किराये के परिसर में चल रही है. नई इमारत का निर्माणकार्य जारी है, अगले 8-9 माह में सम्पूर्ण निर्माण कार्य पूरा होने पर खुद की नई इमारत में स्कूल शिफ्ट हो जाएगा. फिर मनपा की खुद की इस नई इमारत में उक्त शाला के 5वीं से लेकर 10वीं तक की कक्षा ‘शिफ्ट’कर दी जाएगी. पुराने परिसर में ‘केजी’ से लेकर 4 थी तक शालाएं रखी जाएंगी. इसकी वजह यह बतलाई गई कि इस परिसर में शाला को उम्मीद से ज्यादा विद्यार्थी मिल जाया करते हैं.

नवनिर्वाचित नगरसेवक दिक्कत दे रहा
शाला के शिक्षक कक्ष में पिछले 7-8 साल से शाला के कार्यक्रमों से जुड़े सैकड़ों छायाचित्र प्रदर्शित किये गए थे. इससे किसी को कोई दिक्कत नहीं थी, जब से उक्त परिसर में नए-नए नगरसेवक चुनकर आए हैं, वे शाला पहुंच तकलीफें देने की भी बात कही जा रही है. गत दिनों शिक्षक कक्ष से सारे छायाचित्र हटवा दिए गए.जिससे अब स्कूल को राजनीति से परे रखनी तक की मांग क्षेत्र के समाजिक कार्यकर्ताओं ने मनपा प्रशासन से करनी शुरू कर दी है.

Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement
Advertisement

Advertisement
Advertisement

 

Advertisement
Advertisement
Advertisement