
मुख्यमंत्री ने कहा, सदन के सहयोग से सुरक्षा पर एक सहमति होनी चाहिए। हम सबको सुनिश्चित करना होगा कि सुरक्षा सबकी जिम्मेदारी है। खासतौर पर जो चीजें दो-तीन दिन में हुई हैं उन्हें देखते हुए ये बहुत जरूरी है। ये सीधे विधानभवन की सुरक्षा में सेंध है और ऐसी शरारत करने वाले को कतई बख्शा नहीं जाएगा।
11 जुलाई को बजट सत्र शुरू हुआ। 12 जुलाई को भी सत्र चल रहा था। यहां विधायकों, मार्शलों और विधानभवन के कर्मचारियों को छोड़कर किसी को आने की अनुमति नहीं है। लेकिन नेता प्रतिपक्ष की तीसरी सीट के नीचे कुछ पुड़िया मिली थी। इसे एफएसएल को भेजा गया तो पता चला कि ये एक खतरनाक विस्फोटक है। उन्होंने बताया कि ये 150 ग्राम था, इसकी मात्रा काफी कम थी लेकिन इतना पीईटीएन विधानभवन को उड़ाने के लिए पर्याप्त है। उन्होंने कहा, आखिर ये साजिश कौन कर रहा है?
सीएम योगी ने कहा, ये विस्फोटक का तब तक पता नहीं लग सकता तब तक इसकी फिजीकली जांच न हो। डॉग स्क्वायड भी इसको नहीं सूंघ सका। ये खतरनाक साजिश है। कौन लोग इस साजिश में लगे हैं, इसका पर्दाफाश होना जरूरी है। इस पूरे प्रकरण की जांच NIA को सौंपनी चाहिए। सीएम ने कहा, जब हम एयरपोर्ट पर जाते हैं तो ये नहीं कहते कि हम चेकिंग नहीं करवाएंगे। अब हम सबको इस बारे में गंभीरता से लेना होगा।
सीएम ने विधानसभा में आने को लेकर भी कुछ गाइडलाइन तय करने की बात कही। उन्होंने कहा कि विधायक लोग मोबाइल भी बाहर छोड़कर आएं या साइलेंट रखें। इससे गंभीरता भंग होती है। उन्होंने कहा कि सदन की सुरक्षा हमने कभी गंभीरता से नहीं लिया है। अगर यहां कोई आतंकी हमला हो जाए तो हमारे पास तो क्विक व्यवस्था नहीं है। सीएम ने सबसे अपील की कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए क्या किया जाए इस पर सबके मार्गदर्शन की जरूरत है।










