हंगामेदार हो सकती है आमसभा

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नागपुर: प्रत्येक माह मनपा की आमसभा होती है, फरवरी माह की आमसभा मंगलवार 20 तारीख को आयोजित की गई है. आमसभा में परिवहन विभाग अंतर्गत हुए घोटाले की जांच रिपोर्ट प्रस्तुत किए जाएंगे. विपक्षी पार्षद सत्तापक्ष द्वारा समान निधि वितरण का मामला उठा सकते हैं. तो दूसरी ओर 20 तारीख को ही शिवसेना प्रणित यूनियन मनपा परिवहन विभाग द्वारा संचालित ‘आपली बस सेवा’ हड़ताल करने की नोटिस देकर मनपा प्रशासन को सकते में ला खड़ा कर सकती है.

कल का दिन सत्तापक्ष और मनपा प्रशासन के लिए काफी दिक्कत भरा साबित हो सकता है. शिवसेना की मांग है कि आपली बस के कामगारों को मनपा न्यूनतम वेतन दे। जिसे देने में आनाकानी करते करते शिवसेना की यूनियन थक कर अंत में हड़ताल की चेतावनी दे डाली। यह मनपा प्रशासन व सत्तापक्ष के लिए प्रतिष्ठा का प्रश्न रहेगा. इसलिए कोशिश की जा सकती है कि हड़ताल को किसी भी सूरत में असफल किया जाए।
दूसरी ओर इसी माह सेवानिवृत्त हो रहे मनपा के अतिरिक्त आयुक्त रिज़वान सिद्दीकी 20 फरवरी की आमसभा में उनके अधीन आनेवाले परिवहन विभाग में हुए घोटाले की जांच रिपोर्ट पेश करेंगे। संभवतः जांच में परिवहन विभाग को बचा लिया जाएगा। यह भी संभव है कि रिपोर्ट पटल पर रखेंगे और उस पर चर्चा न हो।

इसके अलावा कांग्रेस के नगरसेवक नीतीश ग्वालवंशी प्रशासन व सत्तापक्ष द्वारा सभी नगरसेवकों को समान निधि वितरण का मामला उठाएंगे। ग्वालवंशी मुद्दा न उठाएं इसलिए रिज़वान सिद्दीकी और निगम सचिव हरीश दुबे ने उसे रोकने के लिए शनिवार तक काफी कोशिश की। सिद्दीकी और दुबे ने नीतीश से कहा कि वे या तो प्रश्नकाल के दौरान अनुपस्थित हो जाएं या फिर दिए गए जवाब पर समाधान होने की जानकारी सभागृह में दें। उक्त सलाह से यह साफ ही गया कि मनपा में कितना गोरखधंधा वर्षों से जारी है. फिर चाहे पक्ष कोई भी क्यों न हो। ऐसी सलाह देने वाले सिद्दीकी को इसी माह सेवानिवृत्त के बाद उन्हें पुनः मनपा में 2 वर्ष के लिए अतिरिक्त सेवा में लेने के लिए आतुर हैं। तो दुबे को ग्रंथालय अधीक्षक से निगम सचिव बना दिया जाना भी समझ से परे होता जा रहा है.