Published On : Wed, Nov 19th, 2014

दिग्रस : किसानों की मांगों को लेकर साखरा में रास्ता रोको

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संपूर्ण कर्ज माफी एवं अकलाग्रस्त घोषित करने की मांग


किसानों ने एक घण्टा रोका रास्ता

Rasta roko at sakhra
दिग्रस (यवतमाल)।
प्राकृतिक आपदा के बाद इस वर्ष वर्षा विलंब होने से किसानों को 2-3 बार बुआई करनी पड़ी और अच्छी बारीश न होने से फसल भी अच्छी नहीं हो पाई. ऊपर से कर्ज के बोज तले दबे साखरा के किसानों ने तहसील को अकालग्रस्त और संपूर्ण कर्ज माफी की मांग को लेकर सुबह 10 बजे  एक घण्टे तक रास्ता रोको आंदोलन किया. इस आंदोलन में 100 से 200 किसान शामिल हुए थे.

पिछले दो-तीन वर्ष से प्राकृतिक आपदा, अतिवृष्टी से किसानों की खड़ी फसल बर्बाद होने का नजारा देखना पड़ा. जिससे किसानों का लागत खर्च भी नहीं निकल पाया. इस वर्ष खरीफ के मौसम में वर्षा के विलंब से किसानों ने की बुआई,  खतरे में पड़ गई थी. कपास और सोयाबीन के पौंधों को पानी नहीं मिलने से जगह पर ही मुरझा गए, उपर से लोडशेडिंग से खेत में सिंचाई कार्य भी ठिक से नहीं हो पाया.  जिससे किसानों को दो से तिन बार बुआई का संकट का सामना करना पड़ा. जिससे संकट में घिरे किसानों ने आज सुबह 10 बजे साखरा में रास्ता रोको आंदोलन से तहसील को अकालग्रस्त घोषित कर, संपूर्ण कर्ज माफी से सातबारा कोरा करने की मांग की.

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यह आंदोलन दिग्रस-दारव्हा मार्ग पर अन्ना हजारे समिति एवं किसानों के साथ मिलकर किया गया. इस समय विशाल चव्हाण, पवन आडे, मारोती राठोड़, सुररपाम आडे, ललित नाईक, पकंज राठोड़, मिथुन राठोड़, विनोद पवार, विजय राठोड़, अनिल राठोड़, विजय चव्हाण, शुभम चव्हाण, वसंत जाधव, कुणाल चव्हाण, पंडीत जाधव, रामेश्वर राठोड़, अशोक चव्हाण, प्रकाश्श पवार, हिम्मत जाधव, नरेंद्र नाईक, भिका राठोड़, उपसरपंच सुनीता राठोड, लीना बिजमवार, कविता राठोड़ तथा गांव के सैकड़ों किसान शामिल हुए थे.

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