Published On : Mon, Dec 2nd, 2019

बिछड़े.. पोते को देख दादा की आँखें छलकी

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गोंदिया रेल्वे पुलिस की सतर्कता और सोशल मीडिया की सही उपयोगिता कारगर रही

गोंदिया: आज के दौर में सोशल मीडिया जिंदगी का एक अहम हिस्सा बन चुका है, जो इंटरनेट के माध्यम से सारे संसार को जोड़े रखता है और तेज गति से सूचनाओं का आदन-प्रदान करने में एक सकारात्मक भूमिका अदा करता है। सोशल मीडिया का सही इस्तेमाल करते हुए किस तरह बिछड़े हुए परिवार को मिलाया जा सकता है, इसी की एक बानगी गोंदिया रेल्वे स्टेशन पर ३० नवंबर को सामने आयी।

रेलवे पुलिस की सर्तकता और सोशल मीडिया का सही उपयोग कर आदेश शर्मा, डेविस कोल्हे और हर्षल पवार की मदद से स्टेशन पर भीड़ में बिछड़े दादा और उसके ४ वर्ष के मासूम पोते को सकुशल उसके परिजनों से मिलाया गया।

हुआ कुछ यूं, कि ग्राम हिरापुर का निवासी मितांशू नितेश राणे यह अपने दादा के साथ ट्रेन में बैठकर गोंदिया आ गया। गोंदिया रेल्वे प्लेटफार्म पर बच्चे का हाथ दादा से छूट गया और बालक भीड़ में कहीं खो गया। इधर ४ वर्षीय बालक फूट-फूट कर रो रहा था, उधर प्लेटफार्म के बाहर तक निकलकर दादाजी पोते को इधर-उधर बदहवास अवस्था में ढूंढते रहे।

३० नवंबर शनिवार को गोंदिया रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नं ५ व ६ पर गश्त के दौरान उपनिरि. एच.एस. बघेल इन्हें शाम ६ बजे एक ४ वर्ष का बालक रोता हुआ दिखायी दिया। आसपास पूछताछ करने पर उक्त बच्चे के साथ कोई भी परिजन नहीं पाया गया, जिसपर प्लेटफार्म नं. १ पर बच्चे के संदर्भ में उद्घोषणा की गई लेकिन किसी ने भी संपर्क नहीं साधा जिसके बाद सीसीटीवी फूटेज को खंगाला गया बावजूद कोई भी जानकारी हाथ नहीं लगी।

३ हिरापुर में उलझ गई पुलिस
आरपीएफ पोस्ट में बच्चे को लाकर प्रेमपूर्वक उससे नाम व पत्ता पूछा गया। बच्चे ने अपना नाम मितांशु व पिता का नाम नितेश राणे और गांव हिरापुर बताया।

गांव के नाम के आधार पर बालाघाट जिले के भरवेली तहसील अंतर्गत आने वाले ग्राम हिरापुर, तिरोड़ा तहसील के ग्राम हिरापुर तथा गोरेगांव तहसील के ग्राम हिरापुर में संपर्क किया गया। बच्चे का फोटो और उसके द्वारा बताए गए नाम के संदेश को वायरल किया गया। डेविस कोल्हे की मदद से हिरापुर गांव में राणे परिवार का पता लगाया गया। गोरेगांव तहसील के ग्राम हिरापुर निवासी नितेश राणे से संपर्क हुआ जिसने बताया कि, मिंताशु यह अपने दादा के साथ ट्रेन से गोंदिया आया है, जिसके बाद बच्चे के पिता थाने पहुंचे इसी बीच नई कहानी सामने आयी कि दादाजी भी घर नहीं पहुंचे? तब रेल्वे पुलिस ने गोंदिया रेल्वे स्टेशन परिसर में लगे सीसीटीवी फुटेज को खंगाला, जिस दिशा में बुजुर्ग जाते दिखायी दिया, उस दिशा में उसकी खोजबीन की गई। पुलिस टीम आगे बढ़ी तो देखा दादाजी पोते को ढूंढ़ते-ढूंढ़ते थक हार कर बैठे हुए है और उन्हें अपने पोते की जानकारी देकर दादाजी को पोते से मिलाया गया। बिछड़े पोते को देख दादाजी की आंखें छलक पड़ी।

पुलिस ने कागजी कार्रवाई पूर्ण की और चाईल्ड एनजीओ गोंदिया के विशाल मेश्राम व रोहित गोंडाने यह आरपीएफ पोस्ट पहुंचे जहां रात १० बजे बच्चे को सकुशल उसके पिता नितेश राणे के सुपुर्द किया गया। इस तरह दादाजी और पोता दोनों सकुशल मिलने पर परिजनों ने पुलिस टीम के प्रति आभार व्यक्त किया।

रवि आर्य