अकोला। मनपा की ओर से 15 करोड से निर्माण की जाने वाली सडक योजना में कुछ शर्तो को लेकर ठेकेदारों का आक्षेप था. जिससे ठेकेदारों ने काम आरंभ न करते हुए ठेका छोडने की बात कही थी. इसी बीच पालकमंत्री की अगुवाई में हुई बैठक में ठेकेदारों ने अपना आक्षेप दर्ज कराते हुए अतिरिक्त लादे गए शर्तो को रद्द करने की मांग की, जिसे पालकमंत्री ने मानते हुए प्रशासन ने निर्देश जारी कर उक्त शर्ते रद्द करने के आदेश दिए. जिससे ठेकेदारों ने मार्ग के निर्माण का कार्य आरंभ करने का आश्वासन पालकमंत्री को दिया.
इस बैठक के कारण सडकों के निर्माण की समस्या हल हो गई है. राज्य सरकार ने बारिश के मौसम में खराब हुई सडकों का निर्माण करने के लिए विशेष पैकेज के तहत 26 करोड रूपए उपलब्ध करवाए थे. जिसके तहत मनापा प्रशासन ने 15 करोड रूपए की लागत शहर के सडकों का निर्माण करने के लिए ई निविदा प्रकाशित की थी. निविदा प्रकाशित होने के पश्चात डामरीकरण के मार्गो का निर्माण करने का कार्यादेश जारी कर दिया गया था. ठेकेदार कार्य आरंभ करने वाले थे कि मनपा की ओर से मार्गे की जांच करने के लएि निजी कंपनी को तकनीकी अधिकारी के रूप में नियुक्त कर दिया. जांच अधिकारी व मनपा प्रशासन ने मार्ग का निर्माण करे वाले ठेकेदारों के अनुबंध में अतिरिक्त निर्णय लादते हुए कहा कि काम की देखरेख करने वाले अभियंताओं को लैपटाप, उनके लिए कार्यालय, आवागमन के लिए वाहन समेत अन्य सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाए. एस शर्त को ठेकेदारों ने नियमबाह्य बतोत हुए काम करने से इंकार कर दिया था.
तत्काल उपायुक्त, शहर अभियंता, अजय गुजर लोकनिर्माण अभियंता जयप्रकाश मनोहर तथा ठेकेदारों कें साथ बैठक ली गई. इस बैठक में ठेकेदारों की समस्या सुनने के पश्चात पालकमंत्री डा रणजीत पाटी ने उक्त सभी नियमबाह्य शर्तो को तत्काल हटाने के आदेश देते हुए ठेकेदारों को काम आरंभ करने के निर्देश दिए. जिससे आगामी में शहर के मार्गो का निर्माण की समस्या पालकमंत्री की
अगुवाई के चलते हल हो गई .