नागपुर: जुलाई 2017 के प्रथम सप्ताह में एसएनडी लिमिटेड ने नागपुर के वितरण फ़्रेंचाईज़ी क्षेत्र में व्यापक तौर पर हो रही बिजली चोरी के विरुद्ध अपनी मुहीम की शुरुआत की थी। इस कार्रवाई के दौरान वितरण फ़्रेंचाईज़ी के कर्मचारियों को कहीं मारपीट सहनी पड़ी तो कहीं गलत आरोप भी लगाने की कोशिश की गई। परंतु पूरी कार्रवाई के दौरान पुलिस अधिकारियों द्वारा कड़ी निगरानी और दल के साथ चलने के कारण ऐसे सभी आरोपों का तत्काल खंडन भी किया जा सका। इस दौरान कई ऐसे असामाजिक तत्वों के खिलाफ एसएनडीएल ने एफआईआर भी दर्ज करवाई जिन्होंने भीड़ इकट्ठी कर कर्मचारियों से मारपीट कर अपनी गलती छुपाने का प्रयास किया। ज्ञात हुआ है कि पुलिस ने इन प्राथमिकियों के आधार पर अब आगे की कार्रवाई आरंभ कर दी है।
एसएनडीएल प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, पिछले एक माह की कार्रवाई के दौरान 113 प्रकरण दर्ज किए गए जिसमें लगभग रु. 80 लाख का असेसमेंट निकाला गया। इनमें से अधिकतर मामलों में रिमोट किट, सीधे टैपिंग (मीटर बायपास) और काटे गए कनेक्शन को ग़ैर-कानूनी तरीके से पुनः जोड़ लेने के मामले हैं। इसमें से अधिकतर प्रकरणों में बिजली चोरी में लिप्त लोगों ने अपना नाम सार्वजनिक हो जाने के भय से गलती स्वीकार करते हुए असेसमेंट बिलों का जल्द ही भुगतान भी किया। जिन मामलों में भुगतान नहीं किया गया उन्हें आगे की कानूनी प्रक्रिया के अंतर्गत वसूली हेतु भेजा गया है। इन सभी प्रकरणों का सबसे सुखद पहलु ये रहा कि बिजली चोरी में लिप्त कई उपभोक्ताओं ने सामान्य पूछताछ के दौरान उन लोगों के नाम भी उजागर किए हैं जिन्होंने उनसे मोटी रकम लेकर उपरोक्त तरीके से बिजली चोरी की ‘सुविधा’ प्रदान की। एसएनडीएल ने एक सूची बनाकर ऐसे लोगों के नाम पुलिस में दिए हैं। विद्युत यंत्रणा पर बग़ैर अनुमति के इस प्रकार काम करना न केवल ग़ैर-कानूनी है अपितु प्राणघातक भी।
एसएनडीएल प्रवक्ता ने आगे बताया कि आज दिनांक 3 अगस्त को भी कुशी नगर (जरीपटका) में कार्रवाई के दौरान चार कनेक्शनों में से दो में रिमोट किट, और अन्य एक-एक में टैपिंग और ग़ैर-कानूनी कनेक्शन को पुनः जोड़ने का मामला सामने आया है जिसके लिए लगभग रु. 3 लाख का असेसमेंट जारी किया गया। इस प्रकार यह मुहीम आगे भी जारी रहेगी।