Published On : Thu, May 5th, 2022

सुको के आदेश बाद सक्रीय हुई छोटे-बड़े पक्ष

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– चुनाव की अनिश्चितता से सुस्त पड़ गए थे इच्छुक,संगठन सह छोटे दल

नागपुर – नागपुर मनपा का कार्यकाल समाप्ति के बाद चुनाव होने की नियम सह परंपरा रही है लेकिन इस दफे समय पर चुनाव न होने से शहर की व्यवस्था चरमरा गई थी तो दूसरी ओर पिछले एक-एक साल से चुनाव लड़ने की तैयारी करने वाले भी सकते में आ गए थे.

कल सर्वोच्च न्यायालय का आदेश ने न सिर्फ राज्य सरकार बल्कि चुनाव लड़ने के इच्छुकों को सक्रिय कर दिया।

सुको के निर्देशनुसार सप्ताह भर में चुनाव की तिथि सह तैयारियां सार्वजानिक करने का निर्देश दिया गया.इस आदेश के बाद राज्य सरकार का सम्बंधित विभाग सक्रिय हो गया,क्यूंकि राज्य के कई मनपा,जिप,पंचायत,नगरपरिषद,ग्राम पंचायतों में चुनाव होने वाली हैं,इसलिए जल्द ही सप्ताह भर के भीतर राज्य सरकार का चुनाव प्रक्रिया संभालने वाला विभाग सुको के निर्देशानुसार तिथियां सभी की घोषणा कर देगी।

दूसरी ओर राज्य के 2 बड़े मनपा मुंबई और नागपुर मनपा का चुनाव पर सभी का ध्यान हैं.मुंबई मनपा पर शिवसेना का एकछत्र राज्य है तो नागपुर मनपा पर पिछले 3 टर्म से भाजपा का कब्ज़ा हैं। दोनों ही जगह विपक्षी दल सत्तापक्ष का क्रम तोड़ने के लिए सक्रिय है,अब देखना यह है कि क्रम तोड़ने के लिए क्या क्या प्रयास किया जाता हैं.

नागपुर मनपा में भाजपा के पास पूर्ण बहुमत था,उनके पास पिछले चुनाव में 108 नगरसेवक थे.आगामी चुनाव में भाजपा ने 120 नगरसेवक चुन कर लाने का टार्गेट रखा हैं.यह आंकड़ा बहुमत से काफी बड़ा हैं.आज की हालात में भाजपा चुनाव लड़ने और बहुमत के करीब या उससे ज्यादा पहुंचने की स्थिति में हैं.कितनी भी बड़ी उलटफेर हुई तो 80 से अधिक सीटें जितने का मादा रखती हैं.

दूसरी ओर कांग्रेस आजतक गुटबाजी से ऊपर नहीं उठ पाई,नतीजा कांग्रेस के जिताऊ उम्मीदवार भी अच्छा खासा मौका गंवा लेते हैं.
नागपुर मनपा चुनाव में बसपा,एनसीपी,शिवसेना बड़ी चमत्कार के इरादे लिए सक्रिय हैं.