नागपुर: श्रीमद् भागवत कथा लोकहितकारी, कल्याणकारी व सभी को सद्मार्ग की ओर ले जानी वाली कथा है. यह कथा जीव को पापों से मुक्ति प्रदान कर उसको मोक्ष की ओर ले जाने का सुगम व अतिसरल मार्ग है. कथा के श्रवण मात्र से जीव का परमात्मा से मिलन संभव हो जाता है. उक्त उद्गार कथा वाचक योगेश कृष्ण महाराज ने प्रथम दिवस सर्वजन कल्याणार्थ सामूहिक संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान महोत्सव में कहे. श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन निरंजन नगर नागरिक उत्सव मंडल की ओर से 26 फरवरी तक आनंदवर्धन हनुमान मंदिर, बेलतरोडी में किया गया है.
कथा आरंभ से पूर्व श्रीमद् भागवतजी की शोभायात्रा दोपहर में निकाली गई. शोभायात्रा में यजमान परिवार सिर पर भागवत पोथी धारण कर कथा स्थल तक ले गए. बैंड बाजे पर आरती की धुन पर मंगल कलश धारण कर 51 महिलाएं चल रही थीं. शोभायात्रा निरंजन नगर का भ्रमण कर कथा स्थल पर पहुंची. यहां भागवत पोथी की पूजा कर विराजित किया गया.
कथा व्यास ने महात्म्य की कथा का वर्णन करते हुए आगे कहा कि जैसे कांच, मणि की बराबरी नहीं कर सकता उसी प्रकार स्वर्ग का अमृत कथामृत की बराबर नहीं हो सकता. स्वर्ग का अमृत को दीर्घजीवी बनाता है परंतु कथामृत मनुष्य को दिव्य जीवी बनाता है. यह कथा तो पापों का नाश करने वाली है. भागवत कथा तो देवताओं के लिए भी दुलर्भ है परंतु इस कलियुग में मनुष्य के लिए यह कथा बड़ी सुगमता से उपलब्ध हो गई है. इसे सुन मनुष्य जीव अपना व अपनी आत्मा की शुद्धि कर पुण्य का भागी बन जाता है. यह कथा तो जीव कल्याण का ऐसा साधन है जिसकी महिमा के आगे संसार के संपूर्ण दूसरे साधन हल्के पड़ जाते हैं. श्रीमद् भागवत को पढ़ने से, श्रवण करने से वैकुंठ की प्राप्ति निश्चित होती है. कथा श्रवण से जीव मन को संतोष प्राप्त होकर शांति का अनुभव स्वतः ही हो जाता है.
प्रथम आरती बालमुकुंद मिश्रा, चंद्रकला मिश्रा, रविशंकर मिश्रा, श्यामवती मिश्रा, शिवानंद तिवारी, सविता तिवारी, बाबूलाल तिवारी, दयावती तिवारी, इंद्रजीत दुबे, द्रोपदी दुबे, राधिका प्रसाद मिश्रा, रमा मिश्रा सहित अन्य ने किया. शनिवार को परीक्षित जन्म की कथा का वर्णन किया जाएगा. कथा का समय दोपहर 2 से 6 रखा गया है. सभी भक्तों से मास्क पहनकर आने का अनुरोध किया गया है.