गोल्ड-सिल्वर मेडल दादाजी को समर्पीत- श्रध्दा
यवतमाल। देश में कन्याभ्रुण हत्या तेजी से बढ़ती जा रही है. लोगों में बेटियों को लेकर नकारात्मक सोंच बढ़ गई है. यही कारण है की मां की कोख में ही उनकी हत्या सोची समझी साजीश के तहत हो रही है. ऐसे में श्रध्दा राजीव मुंधडा ने योगा में भारत का नाम विदेशो में रोशन किया है. उसेही बेटी बचाओ आंदोलन की अघोषित ब्रँड अॅम्बेसिडर के रूप में देखना चाहिए ऐसे विचार निवासी उपजिल्हाधिकारी राजेश खवले ने व्यक्त किए. सीओल (दक्षिण कोरीया) में आयोजित चौथी एशीयन योगा चॅम्पीयनशिप में गोल्ड मेडल तथा दो सिल्वर मेडल प्राप्त कर भारत का नाम आशिया खंड में सुवर्ण अक्षर में लिखनेवाली रबर की गुडीया श्रध्दा मुंधडा का नागरी सत्कार स्थानीय महेश भवन में आयोजित किया गया था. उसी कार्यक्रम में राजेश खवले बोल रहे थे. श्रध्दा के दादाजी ने जब श्रध्दा तीन वर्ष की थी उसी समय उसमे योगा का सुप्त गुण देखकर उस गुण को निखारने के लिए प्रयास किए. जिसके बल पर श्रध्दा ने उची उडान भरी. दादाजी के प्रयासों की पराकाष्ठा यह समाज के लिए एक अनमोल संदेश था की लड़कीया भी लड़को से किसी भी बात में कम नही होती. उसी प्र्रकार श्रध्दा ने यवतमाल का नाम विदेशो में चमकाकर साबित कर दिया है की वह इस नागरी सत्कार की सही मायने मे हकदार है. ऐसा नागरी समिती की ओर से अरूण अटल कहा. यह नागरी सत्कार विविध 26 सामाजिक संस्थाओ ने आयोजित किया था. जिसमें आयोजन समिती और यवतमाल अर्बन के अध्यक्ष भाऊ मारोडकर की अध्यक्षता में नगराध्यक्ष सुभाष राय के हाथो तथा राजलक्ष्मी क्रेडीट सोसायटी के अध्यक्ष अरविंद तायडे, जयंत भिसे नागरी पतसंस्था के अध्यक्ष अरूण भीसे, आरडीसी राजेश खवले, जिला क्रिडा अधिकारी खंडारे, न.प. उपाध्यक्ष मुन्ना दुबे आदी की उपस्थिती में यह नागरी सत्कार किया गया. श्रध्दा को दिए जानेवाले सम्मानपत्र का पठन संजय मंत्री ने किया. उसके बाद नगराध्यक्ष के हाथों, शाल श्रीफल, सम्मानपत्र तथा भाऊसाहेब मारोडकर और राजेश खवले के हाथो स कार राशी 1.81 लाख श्रध्दा को प्रदान कर सत्कार किया गया.
दादाजी को सभी मेडल समर्पित
योगा के लिए बचपन से ही श्रध्दा को उसके गुर सिखानेवाले दादाजी ब्रिजमोहनजी मुंधडा को गोल्ड और सिल्वर मेडल समर्पित करती हूं ऐसा बोलतेही श्रध्दा की आखें छलछला उठी. उसने इस समय उसके दादाजी, पिता की दुर्घटना और बादमें उनका ठीक होना, भाई के भगीरथ प्रयास, दादी और मां की कोशिश आदी के बारे में भी उसने बताया. उपस्थितों के आशिष के कारण ही वह इतनी उची उड़ान भर सकी. यह बोलना नही भुली. दादाजी ने उसके पैदा होने पर जो सपना देखा था की उनका नाक विश्व में रोशन करू वह अब हो चुका है. उनका कल जनमदिन था. यह कहते ही उसकी आंखे फिर छलछलाई और आवाज रूंध गया. उसने बताया की इस खेलके लिए जलगाव की योगगुरू अनिता पाटील ने उसे ग्रिष्म की छुट्टीयों में यह सब गुर सिखाए. जिसकी बदोलत वह आज यहा तक पहुंची. अंत में कहा होप वॉच अलाईव्ह. विदेशों में जाने के लिए लगनेवाली राशी का जुगाड़ करने के लिए कैसे कैसे प्रयास करने पड़े. जिससे प्रशासन द्वारा खिलाडीयों को कोई सहयोग नही करने की बात भी उजागर हुई. आगामी सप्ताह में श्रध्दा अमेरिका के चिली होगी रवाना श्रध्दा राजीव मुंधडा आगामी सप्ताह में अमेरिका के चिली में आयोजित वल्र्ड योगा चॅम्पीयनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व वह करेगी. उसके लिए वह रवाना होनेवाली है. उसके लिए सभी मान्यवरों ने उसे जित कर आने के लिए शुभकामनाए दी. इस समय श्रध्दा की दादी उर्मिलादेवी मुंधडा, पिता राजीव मुंधडा और मां पुष्पा मुंधडा का भी आयोजन समिती की ओर से सत्कार किया गया. कार्यक्रम के अध्यक्ष मारोडकर ने योगा को ऑलींपिक में रखने की मांग की तथा सभी स्तर पर इसके लिए प्रयास करने चाही, सरकार ने भी इस ओर ध्यान केंद्रीत करना चाहिए इसका आवाहन किया. कार्यक्रम का संचालन कमल बागडी ने किया. जिसमें उसके अबतक की जीवनयात्रा तथा उसने जीते हुए गोल्ड और सिल्वर मेडल का विस्तृत ब्यौरा दिया.
