नागपुर– जहां एक ओर दिल्ली में 200 यूनिट की बिजली मुफ्त दी जा रही है तो वही देश में सबसे महंगी बिजली से परेशान नागपुर के नागरिकों को बिजली दर का एक और झटका लगनेवाला है. बिजली के छोटे उपभोक्ताओं पर महावितरण बोझ डालने की तैयारी में है. हालांकि अभी प्रस्ताव ही दिया है. परंतु अगर यह प्रस्ताव इसी तरह लागू हो जाता है तो छोटे उपभोक्ताओं पर मार पड़नी तय है. खास बात यह है कि बड़े उपभोक्ताओं पर महावितरण मेहरबान दिख रहा है. स्पष्ट शब्दों में अगर कहें तो प्रस्ताव के मुताबिक 300 यूनिट से कम बिजली इस्तेमाल करनेवाले उपभोक्ताओं पर पांच-आठ फीसदी तक वृद्धि करने का प्रस्ताव है.इससे ज्यादा यूनिट इस्तेमाल करनेवालों के लिए किसी तरह की वृद्धि नहीं की गई है.
विद्युत नियामक आयोग ने मध्यावधि समीक्षा याचिका पर वित्तीय वर्ष 2018-19 आैर 2019-20 का विद्युत दर तय करते समय 20 हजार 651 करोड़ की हानि हुई थी. इसी दौरान दो साल के कार्यकाल में 8 हजार 268 करोड़ की वसूली की अनुमति देकर शेष 12 हजार 382 करोड़ की भविष्य में वसूली करने को मंजूरी दी गई थी. याचिका में कुल 10 साल वसूली का समावेश महावितरण की तरफ से किया गया है. महावितरण ने 2017 से 2024 -25 इस अवधि में संचित राजस्व हानि 60 हजार 313 करोड़ दिखाई है.
हानि भरकर निकालने के लिए महावितरण ने कम बिजली इस्तेमाल करनेवाले उपभोक्ताआें पर लोड डालने की तैयारी की है. महावितरण ने दावा किया है कि यह वृद्धि दर 2020-21 में भले ही 5.80 फीसदी है, लेकिन इसके बाद सामान्यत: तीन फीसदी ही रहेगी. महावितरण से “केवीएच’ के अनुसार बिजली खरीदी की जाती है. लेकिन औद्योगिक, वाणिज्यिक उपभोक्ताआें को रियायत देते समय “केवीएएच’ अनुसार रियायत प्रस्तावित है. इस पर विद्युत क्षेत्र के विशेषज्ञ आर. बी. गोयनका ने आपत्ति जताई है. इसके साथ ही विधायक प्रकाश गजभिए ने भी इस बिजली दर बढ़ाने का विरोध किया है.
घरेलू उपभोक्ता वर्तमान व प्रस्तावित दर (अन्य शुल्क छोड़कर)
यूनिट               वर्तमान        प्रस्तावित दर (2020-21)
1-100             3.05 पैसे        3.30 पैसे
101-300           6.95 पैसे        7.30 पैसे
301-500           9.90 पैसे        9.90 पैसे
500 से ज्यादा        11.50 पैसे      11.50 पैसे
			








			
			