नागपुर: ईवीएम मशीन को देश भर में उठ रहे आंदोलन को शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी समर्थन दिया है। उन्होंने ईवीएम की वैकल्पिक व्यवस्था को लागू किये जाने का समर्थन किया। शुक्रवार को नागपुर में पत्रकारों से बात करते हुए ठाकरे ने कहाँ की क्या ईवीएम मशीन में घोटाला होता है यह प्रश्न जनता को सता रहा है। लोकतंत्र जनता के मतों से बनता है। पूर्व में हुए कुछ मामले संदेह पैदा करते है। आज देश में कहाँ क्या हो रहा है इसकी जानकारी सूचना के अधिकार से प्राप्त हो जाती है लेकिन किसी मतदाता ने अपना मत किसे दिया यह जानने का अधिकार ही उसके पास नहीं है। जबकि मतदाता को यह अधिकार होना चाहिए यह नहीं हो रहा है ये लोकतंत्र का अपमान है। शिवसेना प्रमुख गुरुवार को नागपुर दौरे पर थे इस दौरान उन्होंने विदर्भ के 11 जिलों में पार्टी के संगठनात्मक विकास पर प्रत्येक जिले के प्रमुख कार्यकर्ताओ के साथ चर्चा की। इस बैठक के बाद ठाकरे ने बताया कि पार्टी के विस्तार और शुरू कामकाज का जायजा उन्होने लिया। इन दिनों वो राज्य के दौरे पर जिसकी शुरुवात उन्होंने मराठवाड़ा से की इसके बाद वो उत्तर महाराष्ट्र गए और शुक्रवार को विदर्भ में पार्टी की स्थिति का जायजा लिया।
कार्यकर्ताओ के साथ की गई इस चर्चा को अहम बताते हुए ठाकरे ने प्राप्त सुझाओं के आधार पर योजनाबद्ध तरीके से काम करने की जानकारी दी। ठाकरे के मुताबिक राज्य की जनता ने शिवसेना के प्रति विश्वास जताया है। जिस पर खरा उतरने का भरोषा जताते हुए खुद के दम पर सरकार बनाने की बात कहीं। शिवसेना प्रमुख ने यह भी साफ़ किया की भविष्य में होने वाले चुनाव पार्टी अपने दम पर लड़ेगी यह फैसला पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारणी में लिए गया है जिस पर कायम रहा जाएगा। राज्य की दो लोकसभा सीटों पर होने जा रहे उपचुनाव में पालघर में जीत का दावा करते हुए भंडारा-गोंदिया सीट में प्रत्याशी न उतारे जाने की वजह का खुलासा करते हुए ठाकरे ने बताया की स्थानीय कार्यकर्ताओ ने उनसे मिलकर उपचुनाव लड़ने की माँग की थी लेकिन उनके पास सवाल था की पार्टी उपचुनाव लड़े या फिर 10 महीने बाद होने वाले चुनाव की तैयारी करे। उन्हें संगठन को मजबूत कर भविष्य में होने वाले चुनाव पर ध्यान देना ज्यादा महत्वपूर्ण लगा इसलिए पार्टी ने भंडारा-गोंदिया में प्रत्याशी न लड़ाने का फ़ैसला लिया। कार्यकर्ताओ के साथ बैठक के बाद रविभवन में आयोजित पत्र परिषद में पार्टी प्रमुख के अलावा सांसद आनंद अड़सुल, भावना गवली, कृपाल तुमाने, अरविंद सावंत, प्रतापराव जाधव, पार्टी सचिव मिलिंद नार्वेकर, समन्वयक अरविंद येरकर और राज्य के कैबिनेट मंत्री दिवाकर रावते उपस्थित थे।
श्रीनिवास वनगा को सभी पार्टी दे समर्थन
पालघर लोकसभा सीट पर शिवसेना ने भाजपा के दिवंगत सांसद चिंतामन वनगा के बेटे को प्रत्याशी बनाया है जिसके बाद भाजपा ने कांग्रेस नेता व पूर्व राज्यमंत्री राजेंद्र गावित को पार्टी में शामिल कर उम्मीदवार घोषित कर दिया। शिवसेना प्रमुख ने सभी दलों से चिंतामन वनगा को समर्थन देने की अपील की है। ठाकरे का कहना था की जिस तरह पूर्व में उनकी पार्टी ने पंकजा मुंडे,विश्वजीत कदम को समर्थन दिया। उसी तरह वनगा को अन्य दलों से समर्थन की उम्मीद है। पालघर के चुनावी समीकरण को भंडारा-गोंदिया से जोड़ते हुए उन्होंने कहाँ की उम्मीदवारी वापस लेने को अब भी दो दिनों का वक्त है। जिसके बाद वो तय करेंगे की इस सीट पर शिवसेना किसे अपना समर्थन देते है।
प्रधानमंत्री बनाना कईयों का सपना राज्य के एक नेता की कर चुके है कोशिश
राहुल गाँधी द्वारा 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद प्रधानमंत्री बनने की इच्छा व्यक्त करने वाले बयान पर उद्धव ठाकरे ने सीधी प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन उन्होंने चुटकी लेने हुए कहाँ की देश में कई लोगो का सपना इस पद पर असिन होने का है। वो चुनाव से पहले और बाद में कभी भी प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहते। राज्य के एक नेता इस पद बैठने की कोशिश कर चुके है। पर वो चुनाव से पहले और बाद में कभी भी प्रधानमंत्री नहीं बनना चाहते।
सरकार पर हमला व्यक्तिगत नहीं
सरकार में शामिल होने के बाद भी सरकार शशिवसेना द्वारा लगातार हमले जारी है। इस पर ठाकरे ने कहाँ की वो सरकार की नीतियों की आलोचना व्यक्तिगत कारणों से नहीं करते है। जनता के जुड़े मुद्दे जिन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है उनको उठाने का प्रयास कर रहे है। जनता के मुद्दों को लेकर पार्टी संघर्ष करती रहेगी।
विदर्भ का विकास क्यूँ नहीं हुआ ये सवाल मंत्रियो से पूछे
पृथक विदर्भ राज्य को लेकर शिवसेना की भूमिका स्पस्ट है बावजूद इसके एक सवाल के जवाब में ठाकरे ने फिर कहाँ की उन्हें उनकी पार्टी की संकल्पना में विदर्भ अखंड महाराष्ट्र का हिस्सा है। विदर्भ के विकास के लिए पार्टी सरकार के साथ हर कदम में खड़ी है। मानसून अधिवेशन नागपुर हो इसका प्रस्ताव उनके पास आया था। सरकार चाहे तो अधिवेशन नागपुर में ही हो लेकिन हमारी भूमिका है की ये अधिवेशन महज झूठी घोषणाओं के लिए न हो प्रमाणिकता के साथ काम करने के ईरादे से हो। राज्य में एक रहकर विदर्भ का विकास संभव है। अघाड़ी सरकार में विदर्भ के पिछड़ेपन को लेकर दलील दी जाती थी की सभी प्रमुख मंत्रालय पश्चिम महाराष्ट्र के हिस्से में आते है। इस सरकार में ये मंत्रालय विदर्भ के पास है बावजूद इसके अगर ऐसा लगता है की विकास नहीं हो रहा है तो सवाल मुख्यमंत्री और यहाँ से आने वाले मंत्रियो से पूछा जाना चाहिए।
विदर्भ में ग्रीन रिफायनरी प्रकल्प का समर्थन
उद्धव ठाकरे ने स्पस्ट किया की ग्रीन रिफायनरी प्रकल्प जिसे नाणार में स्थापित किया जाना था वो अगर विदर्भ में आता है इसका फ़ायदा यहाँ की जनता को होता है तो इसके लिए उनका समर्थन रहेगा। नाणार में इस प्रकल्प के विरोध में शिवसेना स्थानीय जनता के साथ खड़ी थी। मुख्यमंत्री प्रकल्प कोंकण भाग में लगाना चाहते थे लेकिन इससे वहाँ की प्रकृति को नुकसान था। वहाँ की 70 फीसदी जनता इस प्रकल्प के विरोध में है। जनता के साथ इस संबंध में मै खुद मुख्यमंत्री दे मिला। विदर्भ से आने वाले विधायक आशीष देशमुख ने यह प्रकल्प विदर्भ में लगाए जाने की माँग करते हुए मुझसे मुलाकात की थी उनका मानना है की इससे विदर्भ के विकास में मदत होगी। मेरा भी मानना है अगर यहाँ प्रकल्प के लिए जगह उपलब्ध होती है तो इसे विदर्भ में स्थापित किया जाना चाहिए।
टार्गेट नहीं शिवसेना सत्ता हासिल करने की भूमिका में
शिवसेना प्रमुख के अनुसार वो बीजेपी की तरह सीटे जीतने के लिए किसी तरह का टार्गेट सेट नहीं कराती बल्कि राज्य में सत्ता में आने की भूमिका में है। पार्ट अपने दम पर चुनाव लड़ने और जीतने की तैयारी कर अपनी भूमिका बना रही है। और इसमें कामियाब भी होगी। बीते दिनों सामने आये पार्टी के आतंरिक सर्वे की खबरों को ठाकरे ने ख़ारिज करते हुए कहाँ की शिवसेना इस तरह का कोई सर्वे करवाती ही नहीं। इस तरह की खबरें निराधार है।