- ‘उस’ पीडि़त युवती ने पत्र-परिषद में लगाए गंभीर आरोप
- 10 नवम्बर की घटना का फर्दाफाश
- पुलिस महकमे सहित शहर में हड़कम्प मचा
खामगांव। तत्कालीन थानेदार के साथ शहर के कई राजनीतिक नेताओं ने मेरा लैंगिक शोषण किया. ‘उस’ पीडि़त युवती ने सोमवार को पत्र परिषद में गंभीर आरोप लगाकर पूरे पुलिस व शहर में हड़कम्प मचा दिया.
बता दें कि खामगांव में शिक्षा ग्रहण करने आयी अमरावती जिले के वरुड़ तालुका के बतोंडा निवासी 19 वर्षीय युवती पर 21 लोगों ने बलात्कार किया था. घटना 10 नवम्बर को प्रकाश में आयी थी. इस मामले में अब तक 15 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. प्रकरण के संबंध में पीडि़त युवती ने खुद पर हुए अन्याय को लेकर 1 दिसम्बर को पत्रकारों को आपबीती सुना रही थी.
पीडि़त युवती ने बताया कि 9 नवम्बर 2014 को स्थानीय शहर पुलिस थाने में बलात्कार होने की शिकायत दर्ज करने गई थी. वहां उपस्थित पुलिस वाले मेरे बताने के मुताबिक शिकायत दर्ज न करते हुए शिकायत बदल दी और मेरे बताये गए आरोपियों के नाम नहीं लिखी. इस बीच तत्कालीन थानेदार, 1 पूर्व जि.प. सदस्य, पूर्व पं.स. सभापति, एक शिक्षा संस्था के अध्यक्ष के साथ 5-6 लोगों ने मेरा लैंगिक शोषण किया.
उसने यह भी जानकारी दी कि मेरी शिकायत में वाडेकर परिवार का नाम नहीं होने के बावजूद पुलिस अधिकारियों ने जानलेवा पिटाई कर जबरदस्ती वाडेकर का नाम लिखवाया. मैंने शुभम चांदुरकर, संतोष चांदुरकर व अनिता चांदुरकर के साथ 13 लोगों के नाम शिकायत में लिखी थी. इसलिए चांदुरकर परिवार ने मुझ पर दबाव डालते हुए जि.प. कन्या शाला के मुख्याध्यापक वसंता गाडेकर के खिलाफ झूठी शिकायत लिखवाने को कहा. मेरे ऐसा नहीं करने पर उनकी पुत्री से झूठी शिकायत करवाकर गाडेकर को बलात्कार की झूठे आरोप में फंसाया. इसके अलावा उसने बताया कि इसकी शिकायत शीघ्र ही पुलिस अधीक्षक से भी हम करेंगे. पत्र परिषद में उस युवती ने यह आपबीती सुनाने के बाद पूरे शहर व पुलिस महकमे में हड़कम्प मचा हुआ है.