ग्रीष्मकालीन मूंगफली व तिल फसलों पर चर्चा
अकोला। डा. पंजाबराव देशमुख कृषि विश्वविद्यालय के विस्तार शिक्षा संचालनालय अंतर्गत ‘कृषि तकनीक जानकारी केंद्र’ किसानों की सेवा के लिए एक खिडकी योजना की तर्ज पर कार्यरत है. कृषि विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित बीज प्रजाति, तकनीक, सिफारिशें किसानों तक पहुंचाने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. कृषि विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक व किसान दोनों में सुसंवाद बढने तथा एक दूसरे के प्रति विश्वास अधिक प्रभावि होने के दृष्टिकोण से ‘कृषक विज्ञान मंच’ किसान व वैज्ञानिक सुसंवाद कार्यक्रम का आयोजन इस माह के तीसरे शनिवार को किया गया है.
इस कार्यक्रम में किसानों की आवश्यकता व मांग के अनुसार कार्यक्रमों के विषयों का नियोजन किया जाता है, जिससे किसानों की शंकाओं का समाधान समय पर होता है. शनिवार 21 फरवरी 2015 को किसानों की मांग के अनुसार ‘ग्रीष्मकालिन मुंगफली व तिल बुआई’ इस विषय पर फसल परिसंवाद का आयोजन कृषि विश्वविद्यालय के कृषि जागर सभागृह में सुबह 10 से शाम 5 बजे के दौरान होगा. इस फसल परिसंवाद में ग्रीष्मकालिन मूंगफली व तिल बुआईक की तकनीक, एकात्मिक अन्न द्रव्य व्यवस्थापन, एकात्मिक कीट व रोग व्यवस्थापन आदि विषयों पर वैज्ञानिकों द्वारा किसानों को मार्गदर्शन किया जाएगा. इस परिसंवाद में शामिल होने के लिए किसान बांधव अपने नाम का पंजीयन कृषि तकनीक जानकारी केंद्र (एटीक) डा. पंदेकृविवि अकोला में प्रत्यक्ष रूप से या टोल फ्री क्रमांक 18002330724 पर 20 फरवरी शाम 5 बजे तक करें यह आवाहन विस्तार शिक्षा संचालक डा. प्रदीप इंगोले ने किया है.

