सावनेर। प्रचार तोपों के शांत होने के साथ ही एक तरफ जहां चूहा बैठकों का दौर शुरू हो गया है, वहीं दूसरी ओर पार्टियों के दौर भी चल रहे हैं. ढाबों और होटलों में पैर धरने की जगह नहीं है. सैकड़ों पशु, पक्षियों की बलि दी जा रही है. मतदाताओं को रिझाने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं.
अनेक उतार-चढाव भरे इस चुनाव में मुकाबला कांटे का नजर आ रहा है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रत्याशी किशोर चौधरी को मिले व्यापक जनसमर्थन से सावनेर का चुनाव निर्णायक मोड़ पर पहुंच गया है. प्रस्थापित नेता को अपनी हार का डर सताने लगा है. इसी के चलते उन्होंने चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी. धनबल और बाहुबल तक का इस्तेमाल किया जाने लगा.
यह सच है कि इस क्षेत्र का मतदाता जाग गया है. 20 सालों का उनका अनुभव सुखद नहीं रहा है. किशोर चौधरी ने इस संवाददाता से बातचीत में कहा कि गरीब और आम जनता ने इस बार मन बना लिया है कि वह विकास करने वाले सामान्य कार्यकर्ता को आशीर्वाद देगी. चौधरी ने अपने कार्यकर्ताओं से संयम बरतने और किसी भी तरह की अप्रिय घटना से बचने की सलाह दी है. अभी चार दिन पहले ही राकांपा के कार्यकर्ताओं पर दूसरे गुट के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया था. सौभाग्य से ज्यादा नुकसान नहीं हो पाया.