Published On : Mon, Jun 21st, 2021

मनपा GAD के STORE,SECURITY,PRIVATE TRANSPORT में घोटाला

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– HOD दूध के धुले लेकिन अधीनस्त कर्मी डुमरे रोटी सेक रहे,शिकायत के बावजूद HOD के कानों पर जूं नहीं रेंग रहा,RTI कार्यकर्ता को आवेदन वापिस लेने के लिए दिया गया 25000 का ऑफर

नागपुर – मनपा परिसर में GAD प्रमुख को निहायत ही ईमानदार अधिकारी के तौर पर जाना जाता हैं लेकिन उनकी ईमानदारी वहां मार खा जाती हैं जब उनके अधीनस्त निजी गाड़ियों के मामले,सुरक्षा रक्षक और STORE में जब वर्षो से धांधली हो रही.इसकी शिकायत करने पर GAD प्रमुख ठोस कड़क कार्रवाई करने के बजाय शिकायतकर्ता को समझाने लगते हैं तब ऐसा प्रतीत होता हैं कि उक्त मामले से सम्बंधित धांधलियों को GAD का संरक्षण प्राप्त हैं और GAD प्रमुख को आला अधिकारी सह घाघ नगरसेवकों का समर्थन मिल रहा,इसलिए धांधलियां और उनके कर्ताधर्ता GAD में ‘सर चढ़ के बोल रहे’.

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याद रहे कि RTI कार्यकर्ता ने GAD में एक RTI डाल पिछले 5 सालों में स्टोर के तहत की जाने वाली खरीदी,इसके आपूर्तिकर्ता और इसके लाभार्थियों की जानकारी मांगी थी.इसकी जानकारी देने के बजाय अपील पीरियड में जाने के कुछ दिन पूर्व आवेदन वापिस लेने और इसके बदले में मुलाकात सह 25000 रूपए देने की गुजारिश की गई.RTI के तहत दी गई जानकारी में व्यक्तिगत मांग को छिपाते हुए उनके सम्बंधित विभागों के नाम खपत का ब्यौरा दिया गया.जबकि आये दिन स्टोर में कॉल करके मनपा से सम्बंधित घाघ मनपा सामग्री का लाभ उठा रहे,सम्बंधित ठेकेदारों से सामान कुछ और भुगतान कुछ किया जा रहा,तभी तो RTI कार्यकर्ता को 25000 का ऑफर दिया गया. क्या मामला दबाने के लिए STORE के प्रमुख खुद की जेब से 25000 खर्च करने वाले थे ?

इसकी शिकायत GAD प्रमुख से की गई लेकिन उन्होंने इसे तरजीह देने के बजाय मांगी गई जानकारी जितनी हैं,उतनी देने का निर्देश देकर मामले को दबा दिया।उसके बाद आजतक पूर्ण जानकारी सह निरिक्षण करने नहीं दिया गया.


दूसरी ओर GAD अंतर्गत मनपा में सेवारत कॉन्ट्रेक्ट स्तर पर कई दर्जन करें लगी हुई हैं,जिनके कागजातें पूर्ण नहीं होने के बावजूद उन्हें अतिरिक्त समय दिया गया.इसके बाद इनमें से कुछ गाड़ी मालिकों ने कागजातें OK करवाई।इस मामले को भी STORE संभालने वाला कर्मी ही देख रहा,जहाँ धांधलियां ही धांधलियां हैं.इसके बावजूद HOD मूक प्रदर्शन कर रहा.


तीसरा मनपा में सुरक्षा रक्षक घोटाला सत्तापक्ष के ही अभ्यासु नगरसेवक सबूत सह उठा रहे तो कुछ घाघ के वर्दहस्त से GAD प्रमुख मामले को सतत दबाते आ रहे.

उक्त तीनों प्रकरणों से मनपा को सालाना लाखों में नुकसान हो रहा लेकिन मनपा प्रशासन इस मामले में काफी सुस्त हैं.

उल्लेखनीय यह हैं कि GAD प्रमुख मूलतः वार्ड अधिकारी हैं,इनका पूर्ण कार्यकाल इसी पद पर ख़त्म होना था,लेकिन मनपा के सभी वार्ड अधिकारियों के मजबूत समूह बनाकर बारंबार अपने अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाते गए,नतीजा आज इनमें से कुछ उपायुक्त स्तर की जिम्मेदारी संभाल रहे.ये सभी आम जनता से सीधा संपर्क/व्यवहार रखने के बजाय PRIVATE LIMITED को गए ,इससे मनपा प्रशासन और मनपा के मूल कर्मी जो पदोन्नत होकर उच्च अधिकारी बनने वाले थे,उनकी राह में रोड़ा बन गए.इन वार्ड अधिकारियों के आगे समय-समय पर जनप्रतिनधि भी मेहरबान होते रहे.फिर मनपा कर्मी और जनता न्याय के लिए जाए तो जाए कहाँ ?

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