Published On : Mon, Jan 6th, 2020

‘ सेव स्पीचलेस आर्गेनाइजेशन ‘ की पहल से मिला बेजुबानों को घर

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नागपुर- नागपुर शहर में कई ऐसी संस्थाए है, जो बेजुबानो की ज़ुबान बन चुकी है और उनकी तकलीफों को और उनके दर्द को जानती है। ऐसी ही एक संस्था है ‘ सेव स्पीचलेस आर्गेनाइजेशन ‘ जो कई वर्षो से बेजुबान लावारिस श्वानो की देखभाल और उनका इलाज कराती है और उनका अपने शेल्टर होम में पालन भी करती है। संस्था का संचालन स्मिता मीरे करती है। स्मिता के साथ कुछ स्टूडेंट भी जुड़े हुए है और वे भी इन श्वानो की देखभाल और मदद करते है। दाभा रोड पर स्थित ‘ सेव स्पीचलेस आर्गेनाइजेशन ‘ का एक शेल्टर होंम है, जहांपर छोटे छोटे श्वानो के एडॉप्शन का कार्यक्रम किया जाता है। इसका उददेश्य यही होता है की इन बेजुबान बच्चों को एक घर मिले। इस बार यह कार्यक्रम 5 जनवरी 2020 को शेल्टर होम में किया गया। जिसमें 150-200 लोग आए थे। इस समय 25 श्वान के बच्चे रखे गए थे। जिसमें से 11 बच्चे अडॉप्ट किए गए। यह शेल्टर होम का सारा खर्च स्मिता मीरे और इस एनजीओ से जुड़े स्टूडेंट अपने पॉकेट मनी से उठाते है। यहांपर यह स्टूडेंट साफसफाई के साथ जख्मी, बीमार श्वानों का इलाज और उनकी देखभाल भी करते है। जो काफी सराहनीय है।

‘ सेव स्पीचलेस आर्गेनाइजेशन ‘ की स्मिता मीरे ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया की नागरिकों को महंगे महंगे श्वान खरीदने से परहेज कर इन देसी लावारिस श्वानो को पालना चाहिए। जिससे की इन बेघरों को घर और प्यार मिलेगा। उन्होंने कहा की 25 श्वानों के बच्चों को एडॉप्शन के लिए रखा गया था। जिसमें से 11 बच्चे अडॉप्ट किए गए है और एक बार फिर एडॉप्शन कार्यक्रम किया जाएगा। जिससे की बाकी बच्चों को भी घर मिले। उन्होंने नागरिकों से देसी श्वानों के बच्चो को पालने की अपील भी शहर के नागरिकों से की है।