नागपुर: बेहद चौंका देने वाली घटना तहसील थाना क्षेत्र में सामने आई. एक इंजीनियरिंग छात्र ने आत्मा के डर से सुसाइड कर लिया. सुनने में ही यह कितना अजीब लगता है, लेकिन बताया जाता है कि 2 महीने से वह तनाव में था. एक सड़क दुर्घटना का उसके मन में इतना बुरा प्रभाव पड़ा कि वह दहशत में रहने लगा. रात में सोते समय डरने लगा. आखिर रविवार रात उसने फांसी लगा ली. मरने से पहले उसने सुसाइड नोट लिखा, जिसमें उसने आत्मा के बुलाने की बात लिखी थी.
इस घटना से परिजन गहरे सदमे में हैं. खुद पुलिस अधिकारी भी सुसाइड नोट पढ़कर स्तब्ध रह गए. मृतक तीन नल चौक, कसाबपुरा निवासी सौरभ यशवंत नागपुरकर (19) बताया गया. सौरभ हिंगना रोड स्थित प्रियदर्शिनी कालेज में इंजीनियरिंग के दूसरे वर्ष में पढ़ाई कर रहा था. पिता यशवंत एनसीसी में अधिकारी हैं. मां गृहिणी है और बड़ी बहन भी शिक्षारत है.
रविवार को एक रिश्तेदार के यहां कार्यक्रम होने के कारण माता-पिता बाहर गए थे. घर पर केवल बहन ही थी. सौरभ की पढ़ाई के लिए घर के पहले माले पर कमरा बनाया गया था. हमेशा की तरह वह अपने कमरे में चला गया. सीलिंग फैन के हुक से ओढ़नी बांधकर फांसी लगा ली. रात 10 बजे के दौरान यशवंत घर लौटे. उन्होंने बेटी से सौरभ के बारे में पूछा तो कमरे में होने का पता चला. यशवंत कमरे के सामने गए. आवाज लगाई लेकिन प्रतिसाद नहीं मिला. यशवंत ने खिड़की से भीतर झांककर देखा तो सौरभ फंदे पर लटका दिखाई दिया. पिता के पैरों तले जमीन खिसक गई.
उनकी चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी भी आ गए. तुरंत दरवाजा तोड़कर सौरभ को नीचे उतारा गया. उपचार के लिए मेयो अस्पताल ले गए, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी. डाक्टरों ने सौरभ को मृत घोषित कर दिया. घटना की जानकारी मिलते ही सब- इंस्पेक्टर अजय ढाकुलकर अपने दल के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. जांच करने पर सौरभ की जेब में सुसाइड नोट मिला. चिट्ठी में उसने तनाव में होने की बात लिखी थी. ‘मेरा भूत पर विश्वास नहीं है, लेकिन आत्मा मुझे बुला रही है. इसीलिए मैं जा रहा हूं.’
चिट्ठी पढ़कर पुलिस अधिकारी भी चौंक गए. पूछताछ करने पर पता चला कि करीब 2 महीने पहले सौरभ के कालेज के पास एक बच्चे की दुर्घटना में मौत हो गई थी. अपनी आंखों से बच्चे की मौत देखने के बाद वह तनाव में था. डर-डर कर कालेज जाता था. इस बीच 2 बार उसका भी एक्सीडेंट हुआ. वह भयभीत रहने लगा. जानकारी मिली है कि 3 दिन पहले भी वह डर कर उठ गया था. वह मुझे बुला रहा है कह रहा था.
हमेशा वह अकेला ही सोता था, लेकिन पिछले 2 दिनों से वह मां के साथ सोने की बात कर रहा था. इस घटना ने पूरे परिवार को सदमे में डाल दिया है. सौरभ पढ़ाई में होनहार था. वह इस तरह का कदम उठा लेगा, यह किसी ने सोचा नहीं था. उसे सही समय पर काउंसिलिंग या मनोचिकित्सक का मार्गदर्शन मिलता तो शायद इतनी बड़ी अनहोनी नहीं होती, लेकिन सौरभ किसी को कुछ बताता ही नहीं था.