Published On : Sun, Sep 9th, 2018

सीएम के साथ मंच पर गोल्डन गर्ल के माता-पिता की सादगी देख वहां मौजूद हर शख्स था हैरान

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अहमदाबाद: एशियाड में 4×400 रिले रेस में जब से गुजरात की सरिता गायकवाड़ ने गोल्ड मेडल जीता है, तब से उसका परिवार सेलिब्रिटी बन गया है। बेटी की इस उपलब्धि के बाद अब माता-पिता की सादगी से हर कोई आश्चर्यचकित है। राज्य सरकार द्वारा जब सरिता का सम्मान समारोह का आयोजन किया गया, तब सरिता के माता-पिता अपने जूते-चप्पल उतारकर मंच पर पहुंचे। बाकी सभी ने जूते-चप्पल पहन रखे थे। उनकी यह तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई है।

गुजरात सरकार ने सरिता को दिए एक करोड़ रुपए
एशियन गेम्स में गोल्ड मेडल प्राप्त करने वाली सरिता गायकवाड़ को गुजरात सरकार ने एक करोड़ रुपए देने की घोषणा की थी। इस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में सरिता के माता-पिता भी आए थे। जब सभी को मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के साथ तस्वीर खिंचवानी थी, तब सरिता के माता-पिता ने मंच पर आने के पहले अपने जूते-चप्पल उतार दिए। सीएम के साथ उनकी तस्वीर सोशल मीडिया में वायरल हो गई है।

गोल्ड जीतने के बाद पैसों के लिए भटक रही थी यह खिलाड़ी
सरिता गायकवाड़ बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखने वाली एथलीट, जिन्होंने एशियाड में भारत को 4×400 मीटर रिले रेस में गोल्ड मेडल जिताने में अहम किरदार निभाया, लेकिन मेडल जिताने के अगले ही दिन वो जकार्ता में पैसों के लिए भटक रही थीं। सामान्य सी चीजें खरीदने मार्केट गईं सरिता को गुजरात के वलसाड में रहने वाले अपने राखी भाई को फोन कर अकाउंट में कुछ रुपये मंगवाने पड़े।

सरिता के भाई ने किया खुलासा
सरिता के राखी भाई दर्शन देसाई ने बताया, ‘एशियन गेम्स के ऐथलीट्स को एक दैनिक भत्ता दिया जाता है। मगर उसमें कुछ देरी हो गई थी। सरिता को बेहद बेसिक चीजें खरीदनी थीं जिसके लिए उसके पास पैसे नहीं थे। मैंने करीब 45 हजार रुपये उसके अकाउंट में ट्रांसफर किए।’

मजदूरी करते हैं माता-पिता
सरिता और उनका परिवार गुजरात के डांग जिले के एक छोटे से गांव में रहता है। सरिता के पिता लक्ष्मणभाई और उनकी मां रेमूबेन पिछले 20 सालों से खेतिहर मजदूर के तौर पर काम कर रहे हैं। करीब 80-100 रुपये प्रतिदिन कमाते हैं। सरिता का छोटा भाई दानेश्वर आईटीआई में पढ़ाई कर रहा है, मगर छुट्टियों में वह भी आकर मजदूरी करता है।