नागपुर: पेट्रोल-डीजल के दामों में हो रही बेतहाशा वृद्धि के खिलाफ कांग्रेस समेत विभिन्न राजनीतिक पार्टियों द्वारा 10 सितंबर को बुलाये गए भारत बंद को विदर्भ के आटोचालक संगठनों ने भी समर्थन घोषित किया है. यानि इस दिन पूरे विदर्भ के 80,000 से अधिक आटो सड़कों पर दिखाई नहीं देंगे. विदर्भ आटोचालक मालक फेडरेशन और टाइगर आटोरिक्शा संघटन ने भारत बंद को समर्थन घोषित करते हुए केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ मोर्चा खोला.
हमारी आजाविका पर सीधी चोट
विदर्भ आटोचालक मालक फेडरेशन के अध्यक्ष विलास भालेकर ने कहा कि पेट्रोल और डीजल के दामों का सीधा असर आटोचालकों की कमाई पर होता है. एक और सरकार लगातार दाम बढ़ा रही है तो दूसरी तरफ सवारी अधिक किराया देने से इंकार कर रही है. ऐसे में सीधे तौर पर आटोचालकों की आजीविका पर चोट लग रही है.
उन्होंने कहा कि 10 सितंबर को होने वाले भारत बंद में शहर के 17,000 और विदर्भ के कुल 80,000 से अधिक आटोचालक इस बंद में शामिल होंगे. इससे आम जनता को भारी परेशानी होनी तय है लेकिन हम इस परेशानी की वजह नहीं है. इसकी असली वजह केन्द्र सरकार द्वारा अपना खजाना बढ़ाने के लिए पेट्रोल और डीजल के दामों में बेतहाशा वृद्धि करना है.
विरोध प्रदर्शन भी करेंगे
भालेकर ने बताया कि आटो बंद के साथ ही सारे आटोचालक संविधान चौक पर सरकार के खिलाफ भारी विरोध प्रदर्शन भी करेंगे. इस दौरान सरकार के अच्छे दिन वाले दावों की पोल भी खोली जायेगी और आटोचालक अपनी वास्तविक स्थिति से सरकार का भ्रम तोड़ेंगे.