भोपाल: जय शाह मामले पर संघ को भाजपा का रवैया रास नहीं आया है। संघ मान रहा है कि जय शाह का यह मामला निजी है इसे भाजपा की राजनीति से नहीं जोड़ा जाना चाहिए था। सरकार के मंत्रियों के बजाय जय शाह को खुद अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर सफाई देनी चाहिए थी। सूत्र बताते हैं कि भोपाल में गुरुवार को शुरू हुई कार्यकारी मंडल की बैठक से एक दिन पूर्व संघ अधिकारियों की शीर्ष टोली ने मामले पर अलग से मंत्रणा की है।
बैठक में शामिल एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार जय शाह के मामले पर भाजपा को इतना आक्रामक नहीं होना चाहिए था। पीयूष गोयल के जरिये जय शाह के मामले पर पत्रकार वार्ता आयोजित कराने का फैसला बड़ी भूल थी। भाजपा की सफाई के वजह से विपक्ष को एक सियासी औजार मिल गया। दरअसल पीयूष गोयल को जय शाह मामले में मैदान में उतारने का फैसला खुद अमित शाह का था। खबरिया वेबसाइट ने जय शाह की खबर छापने से पूर्व उनसे उनका पक्ष रखने का आग्रह किया था। मगर शाह के पक्ष से पहले भाजपा ही मैदान में कूद पड़ी।