नागपुर: जिला प्रशासन ने ३-४ दिन पूर्व तक ( तय समय तक ) रेती घाट लेने के इच्छुकों की पंजीयन का क्रम बंद कर दिया,कल शनिवार १९ सितंबर २०१६ को ठेके लेने में इच्छुकों को “ईएमडी” भरने का अंतिम मौका था लेकिन सुबह १० बजे से लेकर ११ बजे तक जितने लोग भर पाए, उन्होंने भरे फिर दिनभर सम्बंधित वेबसाइट क्रेस रहा. इस घटनाक्रम को उपेक्षित इच्छुकों ने जिला प्रशासन के पहल पर “टेंडर फिक्सिंग” का आरोप लगाया.
आरोपकर्ता के अनुसार ऐसा लगभग हर साल होता है, इस साल भी तय रणनीति के तहत रेत माफियाओं ने खुद के इच्छानुसार घाट के लिए “ईएमडी” १७ सितंबर तक भर दिए.
आरोपकर्ता ने जिलाधिकारी से उक्त मामले की जाँच पुलिस विभाग के साइबर सेल से करवाने की मांग की एवं तबतक टेंडर प्रोसेस रोकने की भी मांग की. इससे जिला प्रशासन को करोडो का राजस्व का नुकसान हुआ है.वैसे आज ऑनलाइन घाट लेने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.
जिलाधिकारी कार्यालय से विरोधक को आश्वस्त किया गया
शिवसेना नेता वर्द्धराज पिल्ले ने जानकारी दी कि कल शाम ५ से ६ बजे के मध्य रेती घाट टेंडर के नियमावली का विरोध करने वाले में से कुछ जिला प्रशासन के चहेतों को जिलाधिकारी कार्यालय से कॉल गया कि वे टेंडर में भाग ले, उन्हें हरसंभव मदद की जाएँगी. जिला प्रशासन और विरोधक के तय योजना के अनुसार घाट से ट्रैक्टर द्वारा घाट से २०० मीटर की दुरी पर रेती को जमा किया जाएंगे फिर वहाँ से मशीन द्वारा ट्रक आदि में लोड कर मांगकर्ता तक पहुँचाई जाएँगी. दौरान समय-समय पर मशीन को घाट पर उतारने की मौखिक अनुमति दी जाएँगी.
पिल्ले के अनुसार जब बंद घाटो में मशीन का इस्तेमाल धड़ल्ले से हो रहा तो टेंडर लेने वाले अधिकृत घाटो में मशीन का उपयोग होना लाजमी है.
– राजीव रंजन कुशवाहा