Published On : Fri, Jan 31st, 2020

रेत कारोबार पर नहीं लग रहा अंकुश ,प्रशासन मौन

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कार्यकर्ता ही लगे चांदी काटने में केसे होगा क्षेत्र माफिया मुक्त

सौसर:- अपने वर्चस्व के लिए आपस में ही एक दूसरे की टांग खींच रहे क्षेत्र में इन दिनों एक ही सवाल चर्चा का विषय बना हुआ है कि जब सत्ता पक्ष जनता की सेवा छोड मालसूतो अभियान में लगा है तब विपक्ष की भूमिका निर्वाह करने वाले तथाकथित वह नेता जो चुनावी बयार के समय कुकुर मुत्ते की तरह अपनी अपनी दावेदारी पेश कर सत्ता की खुर्ची पाने लालायित रहते हैं वह इन दिनों खामोशी की चादर ओढे शांत क्यो नजर आ रहे? कही ऐसा तो नहीं कि इस अवैध रेत उत्खनन के साथ साथ अवैध कारोबार में इनकी भागेदारी की रस्म अदा की जा रही हो? ऐसे में क्षेत्र की जनता विपक्ष की इस खामोशी को क्या नाम दे..?

संतराचल क्षेत्र में शासन प्रशासन के लाखो कोशिशों के बाद भीआज अवैध खनन पर अंकुश लगाने में नाकामियाब साबित हो रहा है।क्षेत्र से बहने वाली कन्हान नहीं इन दिनों रेत माफिया के लिए सोना साबित हो रही है । जहा दिन-रात अवैध खनन कर नदी को छलनी करने का काम किया जा रहा है। साथ ही देखने में आया है इं दिनों क्षेत्र की सायरा, मालेगांव, सावंगा खदाने अवैध रेत खनन को लेकर काफी सुखियो में नजर आ रही है। जहा न तो प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा किसी तरह की जांच हो रही न तो कोई कार्यवाही। साथ ही ग्राम पंचायत सावंगा सचिव ने तो हद पर कर दी। कार्यकर्ता व जनप्रतिनिधि को विश्वास में लेकर लाखों-करोड़ों चांदी काटने में लगे है । अवैध खनन को लेकर कुछ ऐसी भी जानकारी मिली है कि सचिव पत्नी कांग्रेस के अनुषांगिक संगठन से जुड़ने होने के कारण यह कहते फिर रहे कि 15 साल में भारतीय जनता पार्टी के शासनकाल में कांग्रेस पार्टियों की गतिविधियों के संचालन के लिए हमारा खुद का भी पैसा लगा है ।आज हमें मौका मिला है तो इसलिए हम पैसा तो कमाएंगे ही। साथ ही इस खदान में सौसर के जनप्रतिनिधि एवं कुछ छूट भैया कांग्रेस नेताओं का समावेश है जो सफेद सोने के नाम से जोरो से चांदी काट पार्टी के नाम के साथ साथ क्षेत्र की शांत फिजा में जहर घोल रहे हैं, वातावरण खराब करने में लगे है।

जिले के साथ साथ स्थानीय प्रशासन भी मोन
प्रशासन सावंगा, सायरा, मालेगांव में हो रहे अवैध खनन को लेकर एक और जहां ग्रामीण परेशान है वहीं कांग्रेस का एक धड़ा भी विरोध में सड़क पर उतर कर अपना विरोध प्रदर्शन कर रहा है। सावंगा तथा सायरा में कुछ कांग्रेसी कार्यकर्ता अपनी अपनी हिस्सेदारी को लेकर रस्साकशी कर विरोध में सड़क पर उतर आए हैं। पार्टी में आपसी गुटबाजी के तहत हर कोई अपने अपने को सेट करने को लेकर जुगत में भिड़े हैं । सावंगा में तो अवैध रेत उत्खनन को लेकर विगत समय कलेक्टर से लेकर कमिश्नर व मुख्यमंत्री तक इस अवैध उत्खनन की शिकायत कर चुके हैं। साथ ही रेत घाट में अवैध रूप से जेसीबी मशीन का उपयोग कर दिन-रात धड़ल्ले से रेत निकाल कर महाराष्ट्र की ओर भेज रहे हैं रोजाना 200 से 300 हाईवा प्रतिदिन महाराष्ट्र की ओर भेजा जा रहा है ।जिसके करोड़ों रुपए माफिया कमा रहे हैं। इस बात की शिकायत मुख्यमंत्री कमलनाथ तक कर चुके हैं।

किंतु कांग्रेस के एक धड़े ने बताया कि आज तक इन माफियों पर कोई कार्रवाई नहीं करना समझ से परे है। हमारे द्वारा कई बार जेसीबी मशीन को रोककर प्रशासन को भी अवगत कराया गया। किंतु हमारी न तो कोई थानेदार सुनता है और ना कोई उच्चाधिकारी। ऐसे में यह समझ में नहीं आ रहा है कि हम शिकायत करें तो कहां करें। पूर्व में भाजपा सरकार के चलते इसी क्षेत्र से अवैध उत्खनन को लेकर इस ग्रामीण क्षेत्र की जनता परेशान हो गई थी। बावजूद उसके इस क्षेत्र की जनता ने अवैध उत्खनन के बाद अपना रोष निकालते हुए काग्रेस सरकार को चुना किंतु कांग्रेस के ही लोग इस अवैध धंधे में लिप्त होकर चांदी काटने में लगे हैं। उनका कहना है कि जब रक्षक ही भक्षक बन जाए तो गुहार किससे लगा सकते हैं हम। ऐसे में प्रजातंत्र की धज्जियां उड़ गई है कोई सुनने वाला नहीं कोई सुनवाई नहीं।

गठित टीम का नहीं कोई अता पता
क्षेत्र में अवैध खनन के अधिक शिकायत को देखते हुए जिला कलेक्टर श्रीनिवास शर्मा डोरा कुछ माह पूर्व अवैध खनन रोकने और माफिया मुक्त करने को लेकर जिले के तहसीलों में कार्रवाई के लिए टीम गठित की गई थी लेकिन आज 3 महीने का जमाना हो रहा है कहीं पर भी छुटपुट कार्रवाई की दूर की बात जांच तक के आज तक नहीं हो पाई जिसका पूरा पूरा फायदा खनन रेत माफिया ले रहे हैं।और कन्हान नदी से लाखों करोड़ों रूपए की रेत चोरी कर शासन को राजस्व चूना लगाया जा रहा है।
एसे में कलेक्टर द्वारा गठित टीम मात्र खाना पूर्ति के लिए टीम गठित बेकार साबित हो रहा है। अगर टीम समय समय कर जांच व कार्यवाही करेगी तो ही सीएम कमलनाथ के मंशा नुसार माफिया मुक्त हो सकता है।लेकिन आज स्थानीय प्रशासन के साथ साथ जिला खनिज विभाग सहित उच्च अधिकारी मोन है जिसका फायदा माफिया बिना डरे पूरा पूरा उठा रही है।

कमलनाथ के मंशा पर खरे नहीं उतरे कार्यकर्ता
एक और प्रदेश के मुखिया सीएम कमलनाथ अपनी मंशा अनुसार प्रदेश के हर छोटे से बड़े ग्रामों में विकास व ग्रामीणों को कोई परेशानी ना हो इसको लेकर कई योजनाएं चलाई जा रही है लेकिन इस चुनाव को कार्यकर्ता मात्र खानापूर्ति कर अपने ही फायदे में लगे हुए हैं। लोगों की समस्या छोड़ रेत के अवैध कारोबार में लिप्त होकर चांदी काटने में लगे ऐसे में कैसे सीएम कमलनाथ की मंशा पूर्ण होगी ज्ञात हो कि हाल ही में विधानसभा चुनाव में नागरिकों द्वारा क्षेत्र माफिया मुफ्त जनता के हर उम्मीदों पर खरे उतरने को लेकर जिले की सातों सीट कांग्रेस व सीएम के रूप में कमलनाथ को चुना था लेकिन क्षेत्र में जनता की उम्मीद पर पानी फेरते हुए नजर आ रहा है । सौसर विधानसभा क्षेत्र सीएम कमलनाथ का ग्रह क्षेत्र होने के कारण आज भी समस्याओं का अंबार लगा हुआ है जिसको लेकर क्षेत्र के कोई भी कार्यकर्ता दूसरो की समस्याओं को समझना तो दूर अपने समस्या को हल करने में लगे हुए हैं।
वही देखने में आया है कि रेत का धंधा इतना फायदेमंद बन गया है कि इसमें छोटे से छोटा का कार्यकर्ता भी बड़े-बड़े कारोबार करते नजर आ रहे है।

ग्रामीण सड़क हो रही खराब विकास पर फेर रहा पानी
शासन द्वारा एक और छोटे से छोटे ग्रामीण तक पहुंचने के लिए लाखों रुपए खर्च कर सड़क बनाई जा रही है तो वहीं नई सड़क को दिन रात गुजरने वाले और लोड दम पर पूरी तरह खराब कर शासन की विकास ऊपर पानी फेरते नजर आ रही है । जिसका ग्रामीणों को आवागम में परेशान का सामना कर भुगतना पड़ रहा है ।