Published On : Tue, Nov 13th, 2018

क्या बिल्डर लॉबी के दबाव में वन विभाग ने दिखाई तेजी ?

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सहारा सिटी में बाघिन दिखने के मामले में लोगो के संदेह की पुष्टि करना भी नहीं समझा उचित

नागपुर – वर्धा रोड स्थित सहारा सिटी परिसर के आसपास लोगों ने बाघिन देखने का दावा किया। ये ख़बर परिसर में आग की तरह फैली और देखते ही देखते दहशत का माहौल बन गया। मीडिया में इस मामले को लेकर रिपोर्टिंग हुई जिसके बाद वन विभाग जागा और उसने संदेह के आधार पर वन्य प्राणी को ढूंढने की मुहीम चलाई। मंगलवार दिन भर करवाई हुई और शाम होते होते वन विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लोगों द्वारा उठाये गए संदेह का खंडन कर दिया।

विज्ञप्ति में नागपुर विभाग के उप वन संरक्षक प्रभु नाथ शुक्ल ने बयान दिया कि वन विभाग ने अपनी जाँच में किसी हिंसक जानवर को नहीं पाया और न ही ऐसे कोई सबूत ही हाँथ लगे जिससे इस बात की पुष्टि हो सके की सहारा सिटी के आसपास बाघ,तेंदुआ या कोई अन्य हिंसक वन्यप्राणी मौजूद है। वन विभाग की इस जाँच को सही भी मन जाये तब भी क्या इसे जल्दबाजी में दिया गया बयान न समझा जाये। लोगो की शिकायत के बाद ही मंगलवार को विभाग ने सीसीटीवी कैमरे लगाए है। तो क्या काम से काम उसके फुटेज का इंतज़ार नहीं किया जा सकता था।

वैसे ये कोई पहला अवसर नहीं है जब कोई जंगली प्राणी विचरण करते हुए इस ईलाके में घुस आया हो। देश भर में आये दिन ऐसी खबरें आती रहती है जिससे साफ़ होता है की जंगल में रहने वाले हिंसक जानवर इंसानी बस्तियों में घुस जाते है।

वन विभाग की इस तेजी से स्थानीय लोग भी हैरान है। नागपुर टुडे की कार्यकारी संपादक सुनीता मुदलियार ने सोमवार और मंगलवार को स्थानीय लोगो से बात कर रिपोर्ट तैयार की थी। जो वेबसाईट पर प्रकाशित भी की जा चुकी है। सुनीता मुदलियार से बातचीत में सहारा सिटी में रहने वाले लोगो ने बताया था की उन्होंने जंगली जानवर को देखा है। तो अब क्या माना जाये की स्थानीय लोग बेवजह अफ़वाह फैला रहे है वह भी वो लोग जो ख़ुद दहशत के साये में हो। या फिर वन विभाग द्वारा दिखाई गई तेज़ी बिल्डर लॉबी के लिए है।

सवाल यह भी उठ सकता है। इन सवालों के बीच यह नहीं भुला जा सकता की वर्धा रोड पर प्रॉपर्टी का विकास तेजी से हो रहा है। कई नामी गिरामी बिल्डरों के आवासीय प्रकल्प या तो बन चुके है या बनने की कगार पर है। अगर इस बात कि पुष्टि हो जाती है कि इस ईलाके में ख़तरनाक जंगली जानवर विचरण करते है तो कोई यहाँ रहने नहीं आएगा। जिसका सीधा असर बिल्डरों के मँहगे आवासीय प्रकल्प पर होगा ?