वर्धा। ईंट भठ्टी स्थापित करने के लिए मिट्टी उत्खनन कार्य की अनुमति हेतु अनापत्ति प्रमाणपत्र देने के एवज में ग्राम विकास अधिकारी ने 1000 रु. की रिश्वत माँगी, अधिकारी ने रकम अपने निकटस्थ कार्यालयीय कर्मचारी द्वारा हासिल करते वक़्त एसीबी के जाल में फंस गया. जिसके बाद दोनों को गिरफ़्तार कर लिया गया.
वर्धा ज़िले के अंतर्गत तळेगांव (सामजी पंत) के मौजा काकड़धरा निवासी एक व्यापारी को ईंट भठ्टी स्थापित करने के लिए मिट्टी उत्खनन कार्य की अनुमति हेतु आवश्यक अनापत्ति (नो-ऑब्जेक्शन) प्रमाणपत्र देने के एवज में ग्राम विकास अधिकारी जीवन मुन्ना पेठे (50), तलेगांव ने 1000 रुपये की रिश्वत माँगी. फरियादी ने उक्त अधिकारी की शिकायत एसीबी, वर्धा से कर दी. इधर अधिकारी ने फरियादी को घर पर रिश्वत की रकम उनके एक कार्यालयीय अधिकारी को देने को कहा. फलतः 14 नवम्बर को एसीबी की टीम ने मामला दर्ज कर फरियादी के घर तलेगांव में जाल बिछा कर ग्राम विकास अधिकारी पेठे द्वारा भेजे गए कार्यालयीय कर्मचारी दशरथ शेरुजी शेंडे को 1000 रुपये बतौर रिश्वत लेते दबोच लिया. एसीबी ने ग्राम विकास अधिकारी पेठे तथा दशरथ शेरुजी शेंडे के खिलाफ रिश्वत प्रतिबंधक क़ानून 1988 के अंतर्गत मामला दर्ज कर लिया है.
इस कार्रवाई में पुलिस उप-अधीक्षक, वर्धा के मार्गदर्शन में पुलिस निरीक्षक प्रदीप चौगावकर, प्रदीप देशमुख, रमाकांत सलावे, प्रदीप कदम, मनीष घोड़े, सागर सांगोड़े आदि ने सहयोग दिया. पुलिस अधीक्षक प्रकाश जाधव ने नागपुर परिक्षेत्र के नागरिकों से आह्वान किया है कि वे किसी भी रिश्वत मांगने वाले अधिकारी की शिकायत टोल फ़्री लैंडलाइन नं. 1064 पर सूचना दे सकते हैं.
