Published On : Wed, Mar 28th, 2018

पुलिस भरती के आखरी दिन में हंगामा


नागपुर: शहर पुलिस आयुक्‍तालय की ओर से शुरू की गई पुलिस भर्ती का मंगलवार को आखरी दिन था। इस दिन उम्मीदवारों ने मैदान के अंदर प्रवेश नहीं दिए जाने से जमकर विरोध जताते हुए हंगामा िकया। विरोध जताने वाले उम्मीदवारों का आरोप है िक जो लोग िकसी कारणवश भर्ती में नहीं हाजिर हो पाए थे उन्हें मंगलवार को भर्ती मैदान पर बुलाया गया था, जबकि पुलिस भर्ती प्रक्रिया के इंचार्ज व अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शामराव दिगावकर का कहना है िक जिन उम्मीदवारों को िकसी प्रकार की शिकायत थी या वह भर्ती प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाए थे। उन्हें 26 मार्च को अंतिम तारीख दी गई थी। इस तारीख पर 40 विद्यार्थी हाजिर नहीं हो पाए थे। वह मंगलवार को पहुंचकर अंदर प्रवेश देकर परीक्षा लेने की बात कर रहे थे। मंगलवार को जिन उम्मीदवारों को भर्ती के लिए प्रवेश पत्र दिया गया था। उन्हें मैदान पर जांच के बाद जाने दिया गया। उनका कहना है िक पुलिस भर्ती के िलए बने नियम के बाहर वह नहीं जा सकते थे, इसलिए हंगामा करने वालों को साफ बता दिया गया था। मायूस होकर लौटने वाले उम्मीदवारों ने इस मामले की वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के पास शिकायत की है। आरोप यह भी है िक मैदान पर पहुंचे उम्मीदवारों को बताया गया िक एक दिन पहले ही पुलिस भर्ती प्रक्रिया को बंद कर दिया गया। इससे परिसर में वातावरण तनावपूर्ण हो गया था। सूत्रों के अनुसार नागपुर पुलिस आयुक्‍तालय में 210 पुलिस सिपाहियों के पद भरती प्रक्रिया शुरू है। भरती प्रक्रिया में 33 हजार 906 उम्मीदवारों ने आवेदन िकया।

इसमें 25 हजार 426 पुरूष और 7 हजार 789 महिला उम्मीदवारों का समावेश है। गत 9 मार्च से पुलिस मुख्यालय के मैदान पर भरती प्रक्रिया से प्रारंभ हुआ था। शुरूआत में पुरूष उम्मीदवारों की मैदान जांच परीक्षा ली गई। उसके बाद महिला महिला उम्मीदवारों को बुलाया गया है। पुलिस भर्ती में लंबी कूद, गोलाफेंक, पुलअप्स, रनिंग के साथ छाती-उंची नाप जोख की प्रक्रिया को पूरा िकया गया। कुछ तकनीकी या अन्य परेशानी के चलते प्रवेशपत्र न मिलने वाले उम्मीदवारों का कहना है िक उन्हें 27 मार्च को बुलाया गया था, जबकि अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शामराव दिगावकर का कहना है िक ऐसे 40 उम्मीदवारों को 26 मार्च को बुलाया गया था। वह 26 मार्च को नहीं आए। उनसे से कुछ उम्मीदवार 27 मार्च को पहुंचे थे। वह प्रवेश देकर अंदर जाने की बात कर रहे थे। इन उम्मीदवारों को जब यह बात पता चली िक पुलिस भर्ती प्रक्रिया सोमवार को बंद हो गई तब उनका गुस्सा फूट पडा और वह हंगामा करने लगे। उम्मीदवारों का आरोप है िक उन्हें मंगलवार को पुलिस भर्ती मैदान पर बुलाया गया था, लेकिन उन्हें अंदर प्रवेश नहीं दिया गया। कुछ उम्मीदवारों ने पुलिस आयुक्तालय में पहुंचकर शिकायत की है।

इन पुलिस अधिकारियों की देखरेख में भर्ती
शहर पुलिस विभाग के लिए 210 पुलिस सिपाहियों की भर्ती के लिए 33906 आवेदन मिले थे, जिसमें महिला उम्मीदवारों के 8000 और पुरुष उम्मीदवारों के 25 हजार से ज्यादा थे। पुलिस भर्ती को 9 मार्च से शुरू िकया गया था। इस भर्ती की जिम्मेदारी अतिरिक्त पुलिस आयुक्त शामराव दिगावकर, पुलिस उपायुक्त श्वेता खेडकर सहित दो पुलिस उपायुक्त , सहायक पुलिस आयुक्त रिना जनबंधु, िकशोर सुपारे, रविंद्र कापगते, मुंडे व अन्य अधिकारी- कर्मचारी शामिल थे।
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जिनके पास प्रवेश पत्र कार्ड थे उनको जाने दिया गया
पुलिस भर्ती प्रक्रिया में नियम के बाहर नहीं जा सकते हैं। मंगलवार को जिन उम्मीदवारों के पास प्रवेश पत्र था, उनको अंदर जाने दिया गया। कुछ उम्मीदवारों को 26 मार्च को बुलाया गया था। इसके लिए बेवसाइट और अखबारों में बकायदा विज्ञापन दे दिया गया था। 26 मार्च को बुलाए गए उम्मीदवार 27 को आने के बाद अंदर प्रवेश देने की बात कर रहे थे। नियम के बाहर जाकर कोई कार्य नहीं िकया जा सकता था। इसलिए उन्हें अंदर नहीं जाने दिया गया। इससे शायद उन्हें परेशानी हुई होगी। हंगामा खडा करने जैसे कोई बात ही नहीं थी। सभी को समय दिया गया था। उस समय में आकर भर्ती प्रक्रिया को पूरी करना अनिवार्य िकया गया था।

शामराव दिगावकर, अतिरिक्त पुलिस आयुक्त व पुलिस भर्ती प्रक्रिया इंचार्ज नागपुर शहर पुलिस.

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