नागपूर: मुफ़्त शिक्षा के अधिकार अंतर्गत विगत वर्षों से ऑनलाइन प्रक्रिया में तकनीकी दिक्कतों के कारण अनेक बार शिकायतें की गई है मामला रेडियल डिस्टेंस का है जिसमें शहर के स्कूल में आवेदन करने वाले पालक को ज़िले 50-70 किलोमीटर की दूरी मे लॉटरी प्राप्त हुई उसके बाद समिति द्वारा प्रवेश रद्द किए गए प्रशासन को विगत चार वर्षों से इन घटनाओं से अवगत कराया जा रहा है
नियमावली के अनुसार ऑनलाइन में एक किलोमीटर के अंदर रहने वाले पालकों के प्रवेश पहली सूची में ही आवंटित किए जाएंगे लेकिन वास्तव में नहीं कराए जाते हैं
जिसमें के नियम में स्पष्ट किया गया है कि पहले प्रथम चरण में १०० से १००० मीटर के अंतराल में रहने वाले पालकों को प्रवेश दिया जाएगा लेकिन शिक्षण विभाग ने इस ओर कोई ध्यान न देते हुए इस प्रक्रिया को अंजाम दिया और उसका खामियाजा पालकों को वाहन करना पड़ा जिसमें स्कूल से क़रीब रहने वाले पालक आज भी शिक्षा के अधिकार से वंचित है
इस संदर्भ में आरटिइ एक्शन कमेटी के चेयरमैन मो शाहिद शरीफ़ ने अवर सचिव संतोष गायकवाड़ को शिकायत की थी और मामलों से अवगत भी कराया था उसके बाद उन्होंने आरटिइ प्रक्रिया के लिए शिक्षण संचालक प्राथमिक को प्रशासन द्वारा ज़िम्मेदारी दी गई और इस संदर्भ में हम आगे की कार्रवाई उन को सौंप रहे हैं । इस सत्र में भी अनेक पालक NIC की गड़बड़ी का शिकार होंगे इस संदर्भ में शिक्षण अधिकारी प्राथमिक रोहिणी कुमभार ने मिलने से इनकार किया है ।