नागपुर: आरटीई में बच्चों के एडमिशन को लेकर समस्याएं कम होने का नाम नहीं ले रही है. जिस बंद स्कुल में विद्यार्थीयो को एडमिशन के लिए कहा गया है. अब वे पालक परेशान हो गए है. क्योंकि स्कुल बंद होने के कारण एडमिशन करना नामुमकिन है. ऐसे में नागपुर के जिला परिषद के शिक्षाविभाग की लापरवाही एक बार फिर सामने आयी है. शिक्षा विभाग को स्कुल के बारे में पहले से ही पता था तो ऐसी स्कुल में बच्चे के एडमिशन के लिए अलॉटमेंट क्यों दिया गया. मिली जानकारी के अनुसार स्कुल वाकई में बंद नहीं है. एडमिशन नहीं देने के लिए स्कुल प्रशासन की ओर से ऐसा पालकों से कहा जा रहा है. आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मो. शाहिद शरीफ ने इसके लिए पुरे तरीके से शिक्षणाधिकारी को जिम्मेदार ठहराया है. शरीफ ने बताया कि त्रिमूर्ति नगर स्थित मनोज स्कुल में दो से तीन बच्चों का आरटीई के तहत एडमिशन किया जाना था. लेकिन स्कुल शुरू होने के बावजूद भी स्कुल संचालक ने स्कुल बंद होने का बहाना पालकों को बताया. इसकी शिकायत पालकों की ओर से प्राथमिक शिक्षणाधिकारी चिंतामन वंजारी से की गई है. लेकिन अब तक स्कुल पर किसी भी तरह की कार्रवाई नहीं की गई है. और नाहि बच्चों के लिए कोई दूसरी स्कुल के विकल्प के बारे में विचार किया जा रहा है. शरीफ ने बताया कि पिछले वर्ष भी एक बच्चे का ऐसा ही मामला सामने आया था. मंत्री के साथ मीटिंग में उन्होंने यह मामला उठाया भी था. तब शिक्षाविभाग ने कहा था कि उस बच्चे का एडमिशन हो गया. लेकिन उस बच्चे के माता पिता उसको अब फ़ीस देकर पढ़ा रहे है.
उन्होंने इस मामले को सीधे शिक्षा के मुफ्त अधिकार का उल्लंघन बताया है. इस मामले में प्राथमिक शिक्षणाधिकारी चिंतामन वंजारी से संपर्क करने कोशिश की गई उन्हें एसएमएस भी भेजे गए. लेकिन उन्होंने किसी भी तरह का प्रतिसाद नहीं दिया.