Published On : Wed, May 29th, 2019

आरटीई लाभार्थियों के घर जाकर अवैध रूप से पड़ताल कर रहे हैं कई स्कूल प्रशासन

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पालकों के घर में जाकर निकाल रहे हैं कर्मचारी फोटो, साथ ही चुनिंदा दुकानों से ही स्कूल ड्रेस खरीदने की सख्ती

नागपुर: मुफ़्त शिक्षा का अधिकार अंतर्गत प्रवेश पाने वाले पालकों के बच्चों की जानकारी उनके घर पर जाकर निकाली जा रही है. स्कूल प्रबंधन आरटीई के एडमिशन पानेवाले छात्रों की जमकर खैर-खबर ले रहा है. लाभार्थी छात्रों के घर स्कूल स्टाफ़ पहुंच कर उनसे सघन पूछताछ अवैध रूप से करने में जुटी है. परिणाम स्वरूप पालकों में भय का वातावरण बना हुआ है.

पालक शिकायत कर रहे हैं कि उन पर दबाव बनाया जा रहा है और तकनीकी त्रुटि निकालकर प्रवेश रद्द करने की धमकियां दी जा रही हैं. इस प्रकार का दबाव बनाकर ज़बरन पैसे वसूलेने का कार्य स्कूल द्वारा किया जा रहा है. नियमानुसार वेरिफ़िकेशन कमेटी द्वारा एक बार एडमिट कार्ड देने के बाद किसी भी प्रकार से प्रवेश रद्द किया नहीं जा सकता. आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मो. शाहिद शरीफ ने बताया कि इसी प्रकार से स्कूलों द्वारा हर साल स्कूल ड्रेस में कोई न कोई बदलाव लाया जा रहा है. जो नियम में नहीं है. यह इसलिए किया जाता है कि जो दुकानदारों से स्कूल वालों का सौदा होता है वो सौदा टूटने से बच्चों के ड्रेस में बदलाव स्कूल वाले कर देते हैं. यहां भी आरटीई अधिनियम का उल्लंघन है. बर्डी की एक नामी दुकान को ढाई सौ स्कूल वालों ने ठेका दिया हुआ है और वह दुकानदार 15 पर्सेंट कमीशन स्कूल वालों को देता है. ऐसे में सवाल यह उठता है कि स्कूल के कपड़े किसी भी दुकान के मार्केट में मिलना चाहिए. शरीफ ने बताया कि यह मामला हमारे सामने तब आया जब आरटीई में लॉटरी प्राप्त छात्र के कपड़े लेने के लिए गए तो वह कपड़े बाज़ार में मिल ही नहीं रहे थे. केवल गोकुलपेठ स्थित दुकानदार के पास वो कपड़े मिल रहे हैं. इस संदर्भ में शिक्षण अधिकारी को आरटीई एक्शन कमिटी ने ज्ञापन दिया है और कुछ स्कूलों की हियरिंग लेने को कहा गया है.

इसी प्रकार स्कूलों द्वारा दो महीने के अतिरिक्त पैसे पालकों से लिए जाते हैं. मुख्य इस विषय में भी शिक्षण अधिकारी, उप संचालक द्वारा इस प्रकार की गतिविधियों को रोकने के लिए आदेश दिया गया है. लेकिन स्कूलों द्वारा खुलेआम नियम का उल्लंघन हो रहा है शरीफ ने पालकों से अपील की है कि पालक डरे नहीं, स्कूल द्वारा किसी भी प्रकार से प्रताड़ित करने पर हमें शिकायत करें. आरटीई एक्शन कमेटी उन पर कार्रवाई करने के लिए अधिनियम के तहत प्रशासन को ज्ञापन देगी और बच्चों को न्याय दिलाएगी.