Published On : Tue, Mar 20th, 2018

आरटीई एडमिशन में हो रही काफी गड़बड़ियां: सील लगी स्कूल विद्यार्थियों को प्रवेश के लिए कर दिया अलॉट

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नागपुर : आरटीई के तहत एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 24 तारीख तक विद्यार्थियों को एडमिशन करने है. लेकिन कई तरह की परेशानियां इस बार दिखाई दे रही है. कई विद्यार्थियों के घर जो आरटीई के नियमों के तहत दूरी पर है, उन्हें एडमिशन नहीं मिल पाया है, तो वहीं कई ऐसे भी हैं जिनका घर स्कूल से तीन से चार किलोमीटर दूर पर होने के बाद भी उनके एडमिशन स्कूलों में हुए हैं. जिसके कारण एडमिशन प्रक्रिया ही अब सवालों के घेरे में आ गई है. एडमिशन प्रक्रिया के साथ बैंक की ओर से जिस स्कूल को सील लगाया गया है ,उसी स्कूल में छात्र को आरटीई के अंतर्गत स्कूल अलॉट कर दिया गया है. स्कूल का नाम नवयुवक न्यू इंग्लिश मीडियम स्कूल है और यह स्कूल हुडकेश्वर रोड के सनमार्गनगर मार्ग पर स्थित है. यह स्कूल मिलने के बाद कुछ पालक अपने बच्चों के एडमिशन करने इस स्कुल में गए थे. लेकिन स्कूल के गेट पर सील लगा हुआ था. अब इतने कम समय में दूसरी स्कूल में एडमिशन कैसे किया जाए यह विद्यार्थियों के पालको के लिए बड़ा सवाल बना हुआ है.

आरटीई एक्ट के अनुसार सभी स्कूलों को पहले शिक्षा विभाग में पंजीयन कराना पड़ता है, जिसमें सभी दस्तावेज शिक्षा विभाग में जमा कराने पड़ते हैं. जानकारी के अनुसार नवयुवक स्कूल ने रजिस्ट्रेशन तो कराया लेकिन सलंग्नता नहीं ली. जिसके कारण ही स्कूल का नाम प्रवेश सूची में आया और शिक्षा विभाग ने विद्यार्थी को स्कूल अलॉट कर दिया. इस पूरे मामले में परिसर के गट शिक्षणाधिकारी की लापरवाही को भी नकारा नहीं जा सकता. जिन्हे पता ही नहीं है कि स्कूल को सील लगाया गया है.


एक किलोमीटर के दायरे से भी कम होने पर भी स्कूल में एडमिशन नहीं मिलनेवाले पालक अमित गायसमुंद्रे ने बताया कि उनका रहना सुगत नगर में है और नारी रोड की सेंट्रल पब्लिक स्कूल में उन्होंने आरटीई के तहत एडमिशन के लिए नाम दिया था. स्कूल का अंतर उनके घर से केवल 0. 61 किलोमीटर है. यानी एक किलोमीटर से भी कम, बावजूद इसके उनके बच्चे का आरटीई के तहत नाम नहीं आया.

निरि स्थित वसंत नगर में रहनेवाले राजेश धार्मिक ने बताया कि नीरी मॉडर्न स्कूल उनके घर के दायरे में आयी थी. स्कूल का अंतर उनके घर से केवल 600 मीटर है बावजूद इसके उनका नम्बर नहीं लगा है. उन्होंने बताया कि वे एसटी भी हैं. धार्मिक ने दो बार स्कूल जाकर भी पूछताछ की लेकिन स्कूल प्रबंधन ने कोई जवाब नहीं दिया. धार्मिक ने बताया कि इस बारे में उन्होंने आरटीई के इंचार्ज प्रेमचंद राऊत से भी मुलाक़ात की थी, लेकिन उन्होंने कहा कि आरटीई के तहत एडमिशन का दायरा तीन किलोमीटर होता है. इसलिए 3 किलोमीटर अंतर के विद्यार्थियों के नंबर भी आरटीई के तहत लग सकते हैं. जबकि नियम यह है कि 1 किलोमीटर वाले विद्यार्थियों को पहले प्राथमिकता मिलनी चाहिए.

सील लगी स्कूल अलॉट होने के मामले में आरटीई एक्शन कमेटी के चेयरमैन मोहम्मद शाहिद शरीफ ने कहा कि यह एक बहुत बड़ी लापरवाही है. इसी महीने आरटीई की प्रक्रिया शुरू हुई है. प्रक्रिया शुरू होने से पहले स्कूल की जांच की जानी चाहिए थी. और स्कूल को आरटीई की सूची से हटाना चाहिए था. लेकिन ऐसा नहीं किया गया. शरीफ ने इस पूरे मामले में गट शिक्षणाधिकारी की लापरवाही के लिए उन पर सख्त कार्रवाई की मांग की है.