नागपुर: महाराष्ट्र के नागपुर स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) मुख्यालय में बृहस्पतिवार को स्वयंसेवकों के लिए आयोजित संघ शिक्षा वर्ग के दीक्षांत समारोह होगा। बीते 25 दिन से चलने वाला यह प्रशिक्षण 7 जून को खत्म हो रहा है। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व राष्ट्रपति व दिग्गज कांग्रेस नेता प्रणब मुखर्जी हैं। प्रणब दा के कार्यक्रम शिरकत करने से सियासी गलियारों में हलचल है। कांग्रेस और आरएसएस एक-दूसरे के कट्टर विरोधी हैं।
इसको लेकर दिग्गज कांग्रेसी नेता पी चिदंबरम, जयराम रमेश, सीके जाफर शरीफ समेत 30 नेताओं प्रणब मुखर्जी से नागपुर ना जाने की अपील की थी। लेकिन प्रणब मुखर्जी ने इस पर 7 जून को जवाब देने को कहकर सबको चौंका दिया था। ऐसे में उनके संबोधन को लेकर लोगों में उत्सुकता बढ़ गई है।
RSS के नागपुर कार्यक्रम
– नागपुर में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत के साथ प्रणब मुखर्जी मंच साझा करेंगे।
– पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रम में हिस्सा लेने के लिए बुधवार को ही नागपुर पहुंच गए।
– उनके साथ दिल्ली के संघचालक भी यहां आए।
– एयरपोर्ट पर प्रणब मुखर्जी के स्वागत के लिए भारी संख्या में स्वयंसेवक मौजूद रहे।
– इस कार्यक्रम में करीब 708 स्वयंसेवक हिस्सा ले रहे हैं। इनमें संघ की विचारधारा से जुड़े डॉक्टर्स, आईटी एक्सपर्ट, इंजीनियर, पत्रकार, किसान आदि शामिल हो रहे हैं।
– यह कार्यक्रम युवाओं का है। इसमें ज्यादातर लोग 25 से 30 साल के युवा शामिल हो रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि यह पहला मौका नहीं है जब संघ से कांग्रेस का कोई जुड़ाव सामने आया है। इससे पहले साल 1984 में इंदिरा गांधी की मौत के बाद संघ ने राजीव गांधी को समर्थन दिया था। बताया जाता है कि तब खुद राजीव गांधी ने संघ नेताओं से एक गुप्त मीटिंग की थी। उन्होंने आरएसएस प्रमुख बालासाहेब देवरस से मुलाकात की थी। इतना ही उन्होंने इस पूरे प्रक्रम देवरस के छोटे भाई भाऊराव देवरस के कई बार मुलाकातें की थीं।
इस बारे में प्रतिपक्ष पत्रिका में 25 नवंबर 1984 के अंक में नानाजी देशमुख का एक लेख मिलता है। बताया जाता है तब आरएसएस ने कांग्रेस को फायदा पहुंचाया था। इसके अलावा पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हा राव पर भी संघ से नजदीकी रखने की बातें यदा-कदा सामने आती रही हैं।