Published On : Tue, Oct 26th, 2021
nagpurhindinews | By Nagpur Today Nagpur News

RI व तहसीलदारों ने बोगस रेत स्टॉक पर दिलवाया डीलर परमिट

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– पारशिवनी के तीनों रेती घाटों पर डीलर परमिट की आड़ में नदी से अवैध उत्खनन शुरू,जिलाधिकारी व जिला खनन अधिकारी की चुप्पी से पर्यावरण व सरकारी राजस्व को हो रहा नुकसान

नागपुर – जिले रेत माफियाओं के इशारे पर सभी सम्बंधित तहसीलों के तहसीलदारों के निर्देशों पर RI ने रेत के ठेकेदारों द्वारा किये गए STOCK का फर्जी अंकेक्षण किया।STOCK पर जमा रेत का कई गुणा होने का अंकेक्षण REPORT बनाकर तहसीलदारों के मार्फ़त जिला खनन अधिकारी के सुपुर्द किया गया,इस आधार पर जिला प्रशासन ने बोगस डीलर परमिट जारी कर उन सभी रेत माफियाओं को अवैध रेत उत्खनन करने का नया अवसर प्रदान किया।

जिला प्रशासन ने जिला खनन विभाग द्वारा सुपुर्द की गई अंकेक्षण रिपोर्ट के आधार पर डीलर परमिट 3 माह के लिए दिया,लेकिन हकीकत में सभी रेत घाट के ठेकेदारों के STOCK का प्रत्यक्ष मुआयना करने पर पाया गया कि उन जगहों पर सप्ताह भर का भी रेत का STOCK नहीं हैं.
क्या जिलाधिकारी उक्त मामले को गंभीरता से लेते हुए उक्त मामले की जाँच करेगी या करवाएगी ,यह बड़ा सवाल जिले में हिचकोले खा रही हैं।

प्राप्त जानकारी के अनुसार डीलर परमिट के नाम अवैध रेत उत्खनन की योजना सफेदपोश रेत माफिया के नेतृत्व में बनाई गई,इसके बाद जिला प्रशासन और जिला खनन विभाग ने संयुक्त रूप से सभी संबंधित तहसीलदारों से डीलर परमिट के नाम रेत के ठेकेदारों द्वारा खेतों आदि में जमा किये गए रेत को बेचने के लिए प्रस्ताव पेश करने का निर्देश दिया गया। जिसे तय रणनीति के तहत जिला खनन विभाग और जिलाधिकारी कार्यालय ने 3-3 माह की मोहलत देकर मंजूरी प्रदान की।

जिला खनन विभाग के सूत्रों की माने तो रेत के ठेकेदारों के पास रेत का स्टॉक सीमित है,इसके लिए सप्ताह भर का समय काफी होता है। लेकिन 3 माह का समय देकर जिला प्रशासन ने अवैध रेत उत्खनन और पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की सीधी अनुमति दे दी है। इस चक्कर में पटवारी से लेकर जिलाधिकारी कार्यालय तक कइयों के जेब गर्म हो चुके है।

उधर रेत माफियाओं के कहना है कि जिलाधिकारी कार्यालय उक्त ग़ैरकृत में हमेशा ही सहयोग देता रहा,रही सही कसर सफेदपोश नेता जो अवैध रेत उत्खनन के भरोसे घर संचलन कर रहे,वे संभाल लेते है।

अवैध रेत परिवहन करने वाले ट्रांसपोर्टर बेखौफ 24 घंटे प्रति गाड़ी 10 से 15 हज़ार रुपये देकर ओवरलोड/अवैध परिवहन कर रहे।

विश्वसनीय सूत्रों द्वारा उपलब्ध करवाई गई जानकारी के हिसाब से पारशिवनी तहसील के 3 रेत घाटों पर खनिकर्म महामंडल के निर्देश पर छापा मार कार्रवाई की गई थी,इन घाटों को जिला खनन विभाग ने CLEAN CHEAT देकर इन्हे भी DEALER PERMIT दे दिया।इसके बाद इन घाटों के ठेकेदारों द्वारा नदी से खुलेआम रेत उत्खनन का सिलसिला जारी है,यह तहसीलदार और जिला खनन अधिकारी को जानकारी रहने के बाद भी उनकी चुप्पी न सर पर्यावरण को बल्कि सरकारी राजस्व को भी चुना लगा रही हैं.