Published On : Wed, Apr 3rd, 2019

जंगल के दुर्गम इलाकों में भी पहुंच सकेगी वन विभाग की नई क्विक रिस्पॉन्स गाड़ियां

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नागपुर: विदर्भ में बढ़ते मानव-वन्यजीव संघर्ष घटनाओं की पार्श्वभूमि पर बचाव कार्य व संरक्षण हेतु विशेष टीम तैयार कर स्टेट कैंप की निधि से 5 नए आधुनिक जलद बचाव वाहनों का तोहफा वन विभाग को दिया गया है. सभी वाहन महिन्द्रा बोलेरो फोरव्हिल ड्राइव होने के साथ बचाव पथक को लगने वाली सभी सुविधाएं मुहैया कराई गई है.

इन सभी वाहनों को दुर्गम क्षेत्र में आसानी से पहुंच सके, बाघ व अन्य वन्यजीवों को बेहोश करने के लिए लगने वाली सारी सुविधा के आधार पर मोडिफाइड किया गया है. प्रथम चरण में मेलघाट, नवेगांव-नागझिरा, ताड़ोबा, पेंच, टिपेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में भेजे गए हैं. वन्यजीव, प्रादेशिक, वनविकास नगर निगम व अन्य क्षेत्रों में वन्यजीवों को बेहोश करने वाली टीम इन वाहन का उपयोग करेगी.

हाल ही में हुई राज्य स्तरीय सुकाणु समिति की बैठक में महाराष्ट्र के लिए हत्ती दल तैयार करने और पशुवैद्यकीय विशेषज्ञ निर्मित करने के लिए मान्यता दी गई थी. जलद बचाव वाहन, हत्ती, पशुवैद्यकीय विशेषज्ञ की टीम निर्माण होने से मानव-वन्यजीवों के बीच बढ़ रहे संघर्ष को रोका जा सकता है. इसके अलावा विभाग को आधुनिक पिंजरे और क्षेत्रीय स्तर पर लगने वाले उपकरण दिए जाएंगे.

पेंच वनक्षेत्र के आरएफओ अतुल देवकर ने बताया कि राज्य में पहली बार इस प्रकार के वाहनों का उपयोग किया जा रहा है. मानव-वन्यजीव संघर्ष निर्माण होने पर विशेष प्रशिक्षण देकर हर क्षेत्र में 10 कर्मचारियों की टीम बनाई गई है, जिसमें वैद्यकीय अधिकारी का भी समावेश है.

पीसीसीएफ कार्यालय की ओर से आज वाहनों को विभाग को सौंपा जाएगा. वाहन की विशेषता यह है कि गांव व आसपास के क्षेत्र में मानव-वन्यजीव संघर्ष को रोकने के दौरान कर्मचारियों को मौके लगने वाली ट्रान्क्यूलाइज गन, नेट, लाठी, मोब स्टिक, लैडर समेत अन्य उपकरणों को रखने की सुविधा है. जलद बचाव वाहन सभी प्रकार की अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है. विदर्भ के बाद इस प्रकार के वाहन नाशिक व बोरिवली जैसे वन क्षेत्रों में भी भेजे जाएंगे.